सउदी अरब के शाह अब्दुल्ला का निधन, सलमान ने संभाली सत्ता

रियाद : सउदी अरब के शाह अब्दुल्ला बिन अब्दुल अजीज का कल निधन हो गया और इसके बाद उनके सौतेले भाई सलमान ने इस शीर्ष तेल निर्यातक देश की सत्ता संभाल ली. गद्दी पर आसीन होने के साथ ही शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सउद ने आईएसआईएस के उदय और क्षेत्रीय अस्थिरता के बीच […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 24, 2015 2:31 AM

रियाद : सउदी अरब के शाह अब्दुल्ला बिन अब्दुल अजीज का कल निधन हो गया और इसके बाद उनके सौतेले भाई सलमान ने इस शीर्ष तेल निर्यातक देश की सत्ता संभाल ली. गद्दी पर आसीन होने के साथ ही शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सउद ने आईएसआईएस के उदय और क्षेत्रीय अस्थिरता के बीच मुस्लिम जगत में एकजुटता की अपील की.

रॉयल कोर्ट ने गहरा दुख और शोक जताते हुए एक बयान में कहा कि अब्दुल्ला का निधन स्थानीय समयानुसार गुरुवार रात एक बजे हुआ. उनकी उम्र लगभग 90 वर्ष थी. बयान में उनके निधन की वजह के बारे में नहीं बताया गया है. वैश्विक नेताओं ने दिवंगत शाह को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने इस क्षेत्र में उथल-पुथल भरे दशक में अपनी हुकूमत की अगुवाई की. इस क्षेत्र में अरब देशों में चली बदलाव की बयार और चरमपंथ से उथलपुथल मच गई थी. उनके एक अन्य सौतेले भाई मुकरीन (69) नये युवराज बनाए गए हैं.

अपने पहले सार्वजनिक बयान में नये शासक 79 वर्षीय सलमान ने टेलीविजन पर कहा, हम अल्लाह की ताकत से सही मार्ग पर बने रहेंगे, यह राज्य अपनी स्थापना के समय से ही इस रास्ते पर चलता रहा है. उन्होंने मुसलमानों में एकता एवं एकजुटता का आह्वान किया और अल्लाह से इस महान जिम्मेदारी को संभालने में उनका सहयोग करने की प्रार्थना की. सत्ता संभालने के तत्काल बाद शाह सलमान ने गृहमंत्री मोहम्मद बिन नायेफ को नया उप युवराज बनाया जबकि अपने एक बेटे शहजादा मुहम्मद को रक्षा मंत्री नियुक्त किया.

शाह अब्दुल्ला को शुक्रवार दोपहर की नमाज के बाद सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया. रॉयल कोर्ट ने अब्दुल्ला के निधन की वजह को उजागर नहीं किया लेकिन उन्हें दिसंबर में निमोनिया के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था और वह एक नली की मदद से सांस ले रहे थे. वर्ष 2005 में गद्दी संभालने वाले अब्दुल्ला के शासनकाल के दौरान अरब देशों में सउदी अरब अमेरिका का एक महत्वपूर्ण सहयोगी रहा है. हाल ही में वह सीरिया और इराक में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ हवाई हमले करने के लिए अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल हो गया था.

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने एक महत्वपूर्ण सहयोगी के रुप में अब्दुल्ला को श्रद्धांजलि दी. ओबामा ने कहा हम दोनों देशों के बीच की साझेदारी में करीबी और मजबूती शाह अब्दुल्ला की विरासत का हिस्सा रही है. अन्य विदेशी नेताओं ने उनके निधन पर श्रद्धांजलि दी. फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसिस ओलोंद ने अब्दुल्ला को एक ऐसा राजनेता बताया जिनके काम ने उनके देश के लिए एक इतिहास रचा.

शाह के निधन की खबर पाकर क्षेत्र की कई गणमान्य हस्तियां- जोर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय, सउदी अरब के प्रिंस एवं अब्दुल्ला के सौतेले भाई तुर्की अल फैजल अल सौद दावोस विश्व आर्थिक मंच की बैठक को बीच में ही छोडकर चले गए. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा कि शाह को शांति और विभिन्न धर्मों के बीच सद्भाव मजबूत करने के प्रति उनकी कटिबद्धता के लिए याद किया जाएगा.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने कहा कि उन्होंने एक उल्लेखनीय विरासत छोडी है जो अब भी मध्य पूर्व में शांति का पथ दिखाएगा. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने भी उनके निधन पर शोक प्रकट किया है. पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) द्वारा तेल का उत्पादन घटाने से इंकार करने में सउदी अरब की प्रमुख भूमिका थी जबकि तेल की कीमत जून के बाद से आधी रह गयी थी.

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