ईरान पर कोई भी नया प्रतिबंध लगाने के खिलाफ व्हाइट हाउस
वाशिंगटन: व्हाइट हाउस ने ईरान की परमाणु हथियार नीति पर वार्ता के दौरान अमेरिकी कांग्रेस द्वारा उसपर कोई भी नया प्रतिबंध लगाने के किसी भी कदम का विरोध किया है. व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने संवाददाताओं से कहा ‘अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि अगर ईरानी स्पष्ट कर दें कि […]
वाशिंगटन: व्हाइट हाउस ने ईरान की परमाणु हथियार नीति पर वार्ता के दौरान अमेरिकी कांग्रेस द्वारा उसपर कोई भी नया प्रतिबंध लगाने के किसी भी कदम का विरोध किया है.
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने संवाददाताओं से कहा ‘अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि अगर ईरानी स्पष्ट कर दें कि वे अपने परमाणु कार्यक्रम पर अंतरराष्ट्रीय अपेक्षाओं का पालन करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहमत नहीं होंगे तो राष्ट्रपति कांग्रेस का दरवाजा खटखटाने वाले पहले व्यक्ति होंगे.’
उन्होंने कहा ‘मेरा मानना है कि हम ईरान पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने के लिए तेजी से आगे बढ़ने पर कांग्रेस को अपने साथ लेने में अपनी सफलता के बारे में आशावादी हैं.’ उन्होंने कहा ‘उसके बाद हम अपने भागीदारों तक जा सकते हैं जो इस रणनीति की सफलता को लेकर आलोचक हैं ताकि इस प्रतिबंध व्यवस्था को समन्वित, व्यापक तरीके से लागू किया जा सके, जो ईरान पर अतिरिक्त दबाव डालेगा.’
अर्नेस्ट ने रिपब्लिकन पार्टी के बहुमत वाली कांग्रेस के ईरान पर नये प्रतिबंध लगाने के कदम से जुड़े सवाल पर कहा ‘अगर वार्ता विफल होती है तो जो भी जरुरी होगा, हम वह सब कर सकते हैं. फिलहाल वार्ता चल रही है और अभी अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है.’
उन्होंने कहा ‘अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस तरह के कानून पर वीटो करने की धमकी दी है. पूरी वार्ता के दौरान प्रशासन ने वार्ता की स्थिति पर कांग्रेस के सदस्यों को विश्वास में लिया है.’ अर्नेस्ट ने कहा ‘हम उनके सहयोग और इस व्यापक प्रयास में उनके योगदान का स्वागत करते हैं.
लेकिन चूंकि यह कॉर्कर-ग्राहम कानून से संबंधित है इसलिए यह वह कानून है जिसपर राष्ट्रपति वीटो करेंगे, यह ईरान के परमाणु कार्यक्रम का कूटनीतिक समाधान निकालने और भावी करार को लागू करने की हमारी क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा.’ व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा ‘कॉर्कर-ग्राहम कानून नुकसानदेह मिसाल स्थापित करेगा. नतीजा चाहे जो भी निकले, यह प्रशासन कांग्रेस के साथ करीबी संपर्क में रहने को प्रतिबद्ध है.’