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सारधा घोटाला: मुकुल से पांच घंटे पूछताछ, फिर बुलाये जायेंगे

कोलकाता: सारधा घोटाला मामले में अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े होने के आरोप में सीबीआइ के बुलावे पर शुक्रवार को सॉल्टलेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीबीआइ दफ्तर पहुंचे तृणमूल कांग्रेस के महासचिव व राज्यसभा सांसद मुकुल राय. सीबीआइ अधिकारियों ने यहां तीन चरणों में उनसे पांच घंटे तक पूछताछ की. वहां से निकलने के बाद मुकुल […]

कोलकाता: सारधा घोटाला मामले में अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े होने के आरोप में सीबीआइ के बुलावे पर शुक्रवार को सॉल्टलेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीबीआइ दफ्तर पहुंचे तृणमूल कांग्रेस के महासचिव व राज्यसभा सांसद मुकुल राय. सीबीआइ अधिकारियों ने यहां तीन चरणों में उनसे पांच घंटे तक पूछताछ की.

वहां से निकलने के बाद मुकुल राय सीधे पार्टी दफ्तर पहुंचे और समर्थकों को उनके साथ खड़े होने के लिए धन्यवाद दिया. मुकुल राय सुबह 10.36 के करीब सीबीआइ दफ्तर पहुंचे थे. वहां 11.15 के करीब उनसे प्रथम चरण की पूछताछ शुरू हुई. सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक पहले चरण के बाद कुल तीन चरणों में सीबीआइ अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की. सीबीआइ के ज्वाइंट डायरेक्टर राजीव सिंह के नेतृत्व में चार अधिकारियों की टीम ने उनसे 25 सवालों के जवाब मांगे. कुछ सवाल ऐसे थे, जिनके कयास पहले से भी लगाये जा रहे थे. कुछ ऐसे भी सवाल थे, जिसकी उम्मीद नहीं थी.

गौरतलब है कि राज्यसभा सदस्य को सीबीआइ ने पहले 12 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया था. उस समय वह दिल्ली में थे. पूछताछ की जानकारी मिलने पर उन्होंने सीबीआइ से कुछ समय मांगा था. उन्होंने कहा था कि वह कोलकाता लौटने के बाद सबसे पहले सीबीआइ से मिलेंगे, लेकिन 14 जनवरी को लौटने के बाद उन्होंने एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए यह कहते हुए और 15 दिन का समय मांगा कि वह राज्य में दो सीटों पर उपचुनाव में पहले से ही व्यस्त हैं. वह 15 जनवरी को फिर से दिल्ली के लिए रवाना हो गये. बाद में श्री राय ने सीबीआइ को ईमेल भेजकर अपील की कि उन्हें 28 से 30 जनवरी को दोपहर दो बजे के बाद ‘किसी भी समय’ बुला लें. सीबीआइ ने 22 जनवरी को मुकुल राय को जवाब में कहा था कि अन्य मामले में व्यस्त होने के कारण वे पूछताछ नहीं कर सकेंगे. इस कारण उन्हें 30 जनवरी की सुबह 11 बजे आना होगा. इस निर्देश के बाद मुकुल राय शुक्रवार को सीबीआइ दफ्तर पहुंचे थे.
क्या कहा मुकुल राय ने
चेहरे पर मुस्कान लिये अपने समर्थकों से मिलने से पहले मुकुल राय ने सीबीआइ दफ्तर से निकलने के बाद कहा कि सारधा घोटाले की जांच के लिए वह सीबीआइ को हर संभव मदद करेंगे. उन्होंने कहा : मैंने पहले ही कहा था कि इस मामले की जांच के लिए सीबीआइ की हर संभव मदद करूंगा. जरूरत पड़ी, तो बार-बार सीबीआइ के बुलावे पर यहां आऊंगा. मैं सीबीआइ के सभी सवालों का उचित और सही जवाब देकर आया हूं. मैं व राज्य के लोग भी यह चाहते हैं कि सच्चाई सबके सामने आये. राय ने बाद में एक कार्यक्रम में पार्टी कार्यकर्ताओं को बताया : मैं पश्चिम बंगाल की जनता का शुक्रिया अदा करता हूं जिसने मुङो इतना प्यार दिया. वे गरीब लोग जिन्होंने अपने जीवन की पूरी जमा पूंजी इस कंपनी (सारधा) में लगायी थी, उनके साथ अन्याय नहीं होना चाहिए. मैं चाहता हूं कि असली सच सामने आये. मैंने उन्हें (सीबीआइ को) बताया कि यदि वे समझते हैं कि यह जरूरी है तो वे मुङो किसी भी समय बुला सकते हैं, मैं बात कर सकता हूं. असली सच सामने आना चाहिए. जांच उचित तरीके से होनी चाहिए.
क्या कहा सीबीआइ ने
सीबीआइ सूत्रों का कहना है कि मुकुल राय ने पूछताछ में शुरुआती सवालों से ही उनकी मदद की है. शुरुआत से ही वे सभी सवालों के सीधे व सटिक जवाब दिये. पूछताछ में इस मामले में शामिल कुछ अन्य लोगों के नाम भी सामने आये हैं. आगे जांच में उनसे भी पूछताछ होगी. उन्होंने सीबीआइ अधिकारियों को कुछ कागजात हवाले किये हैं, जो जांच में मददगार साबित होंगे. इन कागजातों की जांच जल्द शुरू होगी. इसके बाद भी जरूरत पड़ी, तो फिर से उन्हें सीबीआइ दफ्तर बुलाया जायेगा, लेकिन उनकी पेशी की तारीख के संबंध में अभी फैसला होना बाकी है.
सीबीआइ को दी क्लीन चिट
सारधा घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के अखिल भारतीय महासचिव मुकुल राय से पूछताछ के बाद श्री राय के मीडिया को दिये बयान पर राजनीतिक हलकों में कई सवाल खड़े कर दिये हैं. एक ओर तृणमूल कांग्रेस ने हमेशा ही सारधा घोटाले जांच के मुद्दे पर सीबीआइ को भाजपा के इशारे पर चलनेवाली एजेंसी बताया गया है, तो दूसरी ओर मुकुल राय ने कहा है कि सीबीआइ को हर किस्म का सहयोग देने को वह तैयार हैं. संवाददाताओं से बातचीत में एक बार भी उन्होंने सीबीआइ को राजनीतिक स्वार्थ के लिए काम नहीं करनेवाली एजेंसी करार दिया. उनका कहना था कि सीबीआइ जांच सही दिशा में जा रही है. उनका निजी तौर पर मानना है कि सीबीआइ को हर तरह का सहयोग देना चाहिए, ताकि गरीब निवेशकों का पैसा वापस मिल सके. उल्लेखनीय है कि परिवहन मंत्री मदन मित्र की गिरफ्तारी के बाद तृणमूल ने सड़कों पर जोरदार आंदोलन छेड़ा था व सीबीआइ पर कई सवाल उठाये थे. खुद मुकुल राय भी सारधा जांच में सीबीआइ की भूमिका पर सवाल उठा चुके हैं. हालांकि शुक्रवार को सीबीआइ की पूछताछ के बाद श्री राय ने पार्टी लाइन के खिलाफ जाते हुए सीबीआइ को क्लीन चिट दे दी. श्री राय ने कहा कि वह चाहते हैं कि मामले से जुड़े सही तथ्य सामने आयें. इसके लिए वह सीबीआइ को पूरा सहयोग देना चाहते हैं. मीडिया से बात करते वक्त श्री राय हर वक्त यह जरूर कह रहे थे कि यह उनकी निजी राय है.

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