पाक में आतंकियों ने शिया मस्जिद में किया आत्मघाती विस्फोट, 61 की मौत

कराची : पाकिस्तान के सिंध प्रांत में जुमे की नमाज के दौरान खचाखच भरी एक शिया मस्जिद में हुए एक आत्मघाती विस्फोट में बच्चे सहित करीब 61 लोग मारे गए। हाल के समय में देश में हुए जातीय हमलों में यह सबसे घातक है.कराची के उत्तर में तकरीबन 470 किलोमीटर दूर शिकारपुर के लखी डार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2015 7:33 AM

कराची : पाकिस्तान के सिंध प्रांत में जुमे की नमाज के दौरान खचाखच भरी एक शिया मस्जिद में हुए एक आत्मघाती विस्फोट में बच्चे सहित करीब 61 लोग मारे गए। हाल के समय में देश में हुए जातीय हमलों में यह सबसे घातक है.कराची के उत्तर में तकरीबन 470 किलोमीटर दूर शिकारपुर के लखी डार इलाके में तालिबान से अलग हुए संगठन जुंदल्लाह द्वारा किये गये विस्फोट में इमामबारगाह मौला करबला की छत ढह गई और नमाजी उसमें दब गये.

सिंध प्रांत के स्वास्थ्य मंत्री जाम मेहताब दाहर ने बताया कि विस्फोट में मृतकों की संख्या बढकर 61 हो गई. मृतकों में बच्चे भी शामिल हैं. अधिकारियों ने बताया कि 55 अन्य घायल हुए हैं जिनमें कुछ की हालत गंभीर है. कानून व्यवस्था का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के कराची दौरे के बीच यह हमला हुआ। अपनी यात्रा के दौरान शरीफ ने देश के सभी विदेशी और स्थानीय आतंकवादियों के खिलाफ युद्ध जारी रखने का संकल्प लिया. शरीफ ने विस्फोट की निंदा की है और इसकी फौरन जांच किए जाने का आदेश दिया.

शिकारपुर के एसएसपी साकिब इस्माइल ने बताया कि शुरुआती जांच में यह पता चला है कि यह एक आत्मघाती हमला था क्योंकि एक अजनबी कल्याणकारी अस्पताल के लिए निर्देश मांगते हुए इमामबाडा में जबरन घुस आया. उन्होंने बताया कि यह एक शक्तिशाली विस्फोट था और छत को काफी नुकसान पहुंचा जो ढह गई. ज्यादातर लोग छत के मलबे के नीचे दब गए और दम घुटने या चोट के चलते उनकी मौत हो गई.

समाज कार्य संगठन इदी ट्रस्ट के अधिकारी फरहान काजमी ने बताया कि हताहतों की संख्या बढ सकती है क्योंकि विस्फोट के वक्त इमामबाडा में करीब 400 लोग थे. उन्होंने बताया कि यह एक अस्थायी इमामबाडा था और शक्तिशाली विस्फोट के चलते फौरन ही छत ढह गई. हमला उस वक्त हुआ जब नमाजी शुक्रवार की नमाज के लिए एकत्र हुए थे। कई लोग मलबे में फंस गये और सैकडों लोग जिंदा बचे लोगों को बाहर निकालने के लिए मौके पर पहुंचे. टेलीविजन फुटेज में घटनास्थल पर अफरा तफरी दिखाई गई और कार, मोटरसाइकिल तथा रिक्शा की मदद से घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया.

जियो टीवी ने शिकारपुर के डीआईजी राखियो मिरानी के हवाले से कहा कि एक व्यक्ति उपकरण लेकर इमामबाडा में आया और उसने इसकी मदद से बम विस्फोट किया. प्रांतीय विधानसभा सदस्य शहरयार मेहर ने बताया कि घटना के वक्त काफी बुरी स्थिति थी क्योंकि इलाके के अस्पतालों में पर्याप्त कर्मचारी या उपकरण नहीं थे जो ऐसे किसी बडी आपात स्थिति से निपट सकते हों. जुंदल्लाह चरमपंथी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. प्रवक्ता फहद मारवत ने कहा, ‘‘हमारा निशाना शिया थे क्योंकि वे हमारे दुश्मन हैं.’’ सिंध के मुख्यमंत्री कैम अली शाह ने विस्फोट मारे गए लोगों की याद में एक दिन का शोक रखने की घोषणा की है.

गौरतलब है कि बीते वर्ष 22 जनवरी के बाद से पाकिस्तान में यह सबसे अधिक खूनखराबे वाला हमला है. पिछले साल जनवरी में हुए हमले में 24 शिया श्रद्धालुओं की ईरान से लौटते वक्त मौत उस समय हो गई थी जब बलूचिस्तान में उनकी बस पर हमला हुआ था। लश्कर ए झांगवी ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी. बीते साल दिसंबर में तालिबान ने पेशावर में सेना द्वारा संचालित एक स्कूल को निशाना बनाया था जिसमें 132 बच्चों सहित 150 लोग मारे गये थे.

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