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ओबामा, मोदी के निजी संबंध भारत-अमेरिका के रणनीतिक रिश्तों को आगे ले जाएंगे

वॉशिंगटन : एक शीर्ष अमेरिकी सीनेटर का कहना है कि राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मजबूत निजी संबंध भारत-अमेरिका के रणनीतिक रिश्तों को आगे ले जाएंगे. सीनेट इंडिया कॉकस के सह अध्यक्ष सीनेटर मार्क वार्नर ने कहा ‘‘ मैं राष्ट्रपति ओबामा और प्रधानमंत्री मोदी के बीच निजी संबंधों का गवाह बना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2015 12:34 PM

वॉशिंगटन : एक शीर्ष अमेरिकी सीनेटर का कहना है कि राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मजबूत निजी संबंध भारत-अमेरिका के रणनीतिक रिश्तों को आगे ले जाएंगे. सीनेट इंडिया कॉकस के सह अध्यक्ष सीनेटर मार्क वार्नर ने कहा ‘‘ मैं राष्ट्रपति ओबामा और प्रधानमंत्री मोदी के बीच निजी संबंधों का गवाह बना और यह बहुत महत्वपूर्ण होगा क्योंकि हमारे देश इस महत्वपूर्ण रणनीतिक भागीदारी को मजबूत करने के लिए साथ काम करते हैं.’’ अमेरिकी सीनेट में सीनेट इंडिया कॉकस किसी देश विशेष का एकमात्र कॉकस है. वार्नर उन चार सांसदों में से एक हैं जो हाल ही में संपन्न ओबामा की तीन दिवसीय यात्र के दौरान उनके साथ भारत आए थे.

वॉर्नर ने शुक्रवार को कहा कि भारत के साथ अमेरिका के रिश्तों को नई उर्जा देने के लिए आशावाद और उत्साह का वास्तविक अनुभव करना ‘रोमांचकारी’ था. उन्होंने सीनेट इंडिया कॉकस के मासिक ‘न्यूजलेटर’ में कहा कि तीन दिवसीय यात्र के दौरान कई घोषणाएं की गईं जो अहम तो थीं, लेकिन वे प्रगति के वास्ताविक संकेत जाहिर नहीं करतीं. वार्नर ने कहा कि इस हफ्ते के शुरु में ओबामा के साथ भारत के गणतंत्र दिवस समारोह के जश्न में शामिल होना उनके लिए सम्मान की बात रही. वॉर्नर ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उन्होंने इसमें द्विदलीय सीनेट इंडिया कॉकस के सह अध्यक्ष के तौर पर शिरकत की.

वॉर्नर ने कहा कि हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि अमेरिका और भारत के बीच साङोदारी और दोस्ती के मौजूदा ढांचे को और गहरा तथा व्यापक बनाना जारी रखा जाए. उन्होंने कहा, ‘‘ सार्थक बातचीत की श्रृंखला के दौरान ओबामा और मोदी ने परमाणु करार के बारे में ऐलान किया जो भारत के लोगों के लिए स्वच्छ बिजली मुहैया कराने की खातिर भारत में असैन्य परमाणु उर्जा संयंत्रों का निर्माण करने में बहुराष्ट्रीय सहयोग का रास्ता प्रशस्त कर सकता है.’’ वार्नर ने कहा कि पहली बार अमेरिका ने स्पष्टता से भारत को एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग मंच में लाने के लिए समर्थन किया। यह क्षेत्र का प्रमुख व्यापारिक समूह है.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और भारत सरकार के अधिकारियों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों साथ उनकी बातचीत में, उन्होंने भारत के विकास की जरुरत पर ध्यान केंद्रित करते हुए लालफीता शाही, नियम और कानूनी बाधाओं को दूर करने के प्रयासों पर जोर दिया, जो अमेरिका और भारत को संभावित आर्थिक रिश्तों का पूरी तरह से दोहन करने से रोकता हैं.

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