शरद ने कल बुलायी जदयू की बैठक, मांझी कुछ मंत्रियों पर गिरा सकते हैं गाज

पटना : पद से हटाये जाने की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने जदयू के खिलाफ बगावती तेवर अपना लिया है. जदयू ने पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के निर्देश पर सात फरवरी को पार्टी विधायक दल की बैठक बुलाये जाने पर तीखे तेवर दिखानेवाले मांझी को पार्टी ने प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 6, 2015 5:07 AM
पटना : पद से हटाये जाने की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने जदयू के खिलाफ बगावती तेवर अपना लिया है. जदयू ने पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के निर्देश पर सात फरवरी को पार्टी विधायक दल की बैठक बुलाये जाने पर तीखे तेवर दिखानेवाले मांझी को पार्टी ने प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित करने की चेतावनी दी है. इधर, टीवी रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने 20 फरवरी को विधायक दल की बैठक बुलायी है.

खुद शरद यादव ने गुरुवार की रात प्रभात खबर से कहा कि मांझी के कहने पर ही विधायक दल की बैठक बुलायी गयी है. उन्होंने यह भी कहा कि हम शुक्रवार की सुबह मांझी से दोबारा बात करेंगे. इधर, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष को विधायक दल की बैठक बुलाने का संवैधानिक अधिकार है. यदि इस बैठक का मांझी या किसी और विधायक ने विरोध किया, तो उन्हें दल की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया जा सकता है.

इसके पहले शाम साढ़े पांच बजे शरद यादव के निर्देश पर मुख्य सचेतक और संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने सात फरवरी को विधायक दल की बैठक बुलायी. सभी विधायक और विधान पार्षदों को शनिवार को दोपहर तीन बजे तक विधानसभा एनेक्सी में आयोजित बैठक में हर हाल में उपस्थित होने को कहा गया है. मुख्यमंत्री को जब इस बैठक की सूचना मिली, तो उन्होंने तत्काल अपने समर्थक मंत्रियों और अन्य लोगों से विचार-विमर्श किया.

थोड़ी देर बाद वह मुखर हुए और कहा कि जदयू विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार मुख्यमंत्री होने के नाते सिर्फ मुझे है. उन्होंने सात फरवरी को निर्धारित बैठक को भी अनधिकृत करार दिया. साथ ही अपने इस्तीफे की खबर का भी खंडन किया. इस बीच मुख्यमंत्री सचिवालय ने मांझी के शुक्रवार के कार्यक्रम जारी कर दिये गये. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के खिलाफ विद्रोही तेवर दिखानेवाले मांझी शुक्रवार को तीन मंत्रियों-पथ निर्माण मंत्री ललन सिंह, संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार और वन एवं पर्यावरण मंत्री पीके शाही को मंत्रिपरिषद से बरखास्त करने की सिफारिश राज्यपाल से करेंगे. बरखास्तगी से संबंधित सिफारिशी पत्र को मुख्यमंत्री सचिवालय शुक्रवार की सुबह राजभवन भेज देगा.

इधर, शनिवार को विधानसभा एनेक्सी भवन में शाम चार बजे विधायकों की बैठक होगी. पार्टी के मुख्य सचेतक श्रवण कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर विधायकों को तत्काल पहुंचने को कहा गया है. माना जा रहा है कि विधायकों से मांझी को लेकर उनकी राय जानी जायेगी. साथ ही मांझी के भविष्य को लेकर लग रही अटकलों पर अंतिम फैसला होगा.
गुरुवार की सुबह शरद यादव ने 01, अणे मार्ग जाकर मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से मुलाकात की. इसके बाद वह पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर पूर्व निर्धारित प्रशिक्षण शिविर में शामिल हुए.

दूसरी ओर विधान परिषद की आचार समिति की बैठक में शामिल होने विधान परिषद पहुंचे नीतीश कुमार ने मांझी के भविष्य पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. जब उनसे संवाददाताओं ने सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से फोन पर बातचीत होने संबंधी जानकारी चाही, तो उन्होंने कहा कि इन मामलों में मुङो कुछ भी नहीं कहना है. पटना में कैंप कर रहे शरद यादव दिन भर व्यस्त रहे. बुधवार की रात मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने चाणक्या होटल में उनसे मुलाकात की थी. सुबह में शरद यादव इस मुलाकात के सवाल पर बचते दिखे. कहा कि पार्टी के हर लोग उनसे मिलने आते हैं. एमपी, एमएलए या एमएलसी सभी उनसे मिलने आते हैं. मुख्यमंत्री को बदलने के सवाल को उन्होंने खारिज किया और कहा कि सब अफवाह है.

नीतीश व मुलायम के फोन पर बातचीत पर उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी नहीं है. जिसने भी कहा है उसी से पूछिए कि क्या बात हुई है. पार्टी सूत्रों की मानें, तो बुधवार की रात सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फोन किया था. दोनों के बीच लंबी बातचीत हुई है. इसमें मुलायम सिंह यादव ने नीतीश कुमार को फिर से कुरसी संभालने का दबाव दिया. मुलायम ने कहा कि भाजपा से मुकाबले के लिए विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ही नेतृत्व करें. इसके बाद से बिहार की सियासत एक बार फिर गरमा गयी.

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