वाशिंगटन : राष्ट्रपति बराक ओबामा की कल धार्मिक असहिष्णुता पर की गई टिप्पणी के बाद अमेरिका ने आज कहा है कि विश्वभर में असहिष्णुता से निपटने में महात्मा गांधी की विरासत एक प्रेरणा है. उल्लेखनीस है कि ओबामा ने कहा था कि यदि महात्मा गांधी आज होते तो धार्मिक असहिष्णुता को देखकर वे स्तब्ध रह जाते. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत में हुई धार्मिक असहिष्णुता की घटना में बढोत्तरी हुई है.
आज इसपर सफाई देते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता मार्क स्ट्रो ने कहा, ‘‘ हम अमेरिका और विश्वभर में असहिष्णुता से निपटने में महात्मा गांधी की विरासत से प्रेरणा पाते हैं.’’ यह बयान ओबामा द्वारा कल बेहद प्रतिष्ठित और नामी गिरामी नेशनल प्रेयर ब्रेकफास्ट को संबोधित करते हुए दिए गए उस भाषण के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में पिछले कुछ सालों में सभी प्रकार के धर्मावलंबियों द्वारा ‘‘असहिष्णुता की जिन घटनाओं’’ का अनुभव किया गया है वे महात्मा गांधी को स्तब्ध कर देतीं.
स्ट्रो ने कहा, ‘‘ भारत में और नेशनल प्रेयर ब्रेकफास्ट में राष्ट्रपति का संदेश यह था कि धार्मिक स्वतंत्रता एक मौलिक स्वतंत्रता है और हर राष्ट्र मजबूत होता है, जब सभी धर्मो के लोग अभियोजन और डर तथा भेदभाव की आशंका के बिना अपने धर्मो का स्वतंत्र रुप से पालन करते हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ राष्ट्रपति ने अपने भाषण में स्पष्ट रुप से कहा है कि यह किसी एक समूह, राष्ट्र या धर्म के बारे में नहीं है.’’ हाल ही में भारत से लौटे अमेरिकी राष्ट्रपति ने कल अपने भाषण में पिछले कुछ सालों में भारत में विभिन्न धर्मो को मानने वालों के खिलाफ हुई हिंसा का जिक्र किया था. ओबामा ने हालांकि किसी धर्म विशेष का नाम नहीं लिया. दरअसल उन्होंने कहा था कि सभी धर्मो की आस्थाओं पर पिछले कुछ सालों में हमला हुआ है.