पाक सेना प्रमुख रहील आतंक और सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा के लिए शरीफ से मिले
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल रहील शरीफ ने आज प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ पेशावर के स्कूल में नरसंहार के बाद देश को आतंकवाद से मुक्ति दिलाने के लिए तैयार कार्रवाई योजना पर हुई प्रगति पर चर्चा की. एक आधिकारिक वक्तव्य में बताया गया, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सीओएएस) ने प्रधानमंत्री के साथ […]
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल रहील शरीफ ने आज प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ पेशावर के स्कूल में नरसंहार के बाद देश को आतंकवाद से मुक्ति दिलाने के लिए तैयार कार्रवाई योजना पर हुई प्रगति पर चर्चा की.
एक आधिकारिक वक्तव्य में बताया गया, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सीओएएस) ने प्रधानमंत्री के साथ अपनी बैठक में आतंकवाद और उग्रवाद से लडने के लिए राष्ट्रीय कार्रवाई योजना (एनएपी) के कार्यान्वयन से संबंधित मामलों पर चर्चा की. लेकिन बैठक के बारे में जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि सीओएएस ने प्रधानमंत्री को अपनी हालिया बीजिंग यात्रा के बारे में भी जानकारी दी जहां उन्होंने शीर्ष चीनी राजनैतिक और सैन्य नेतृत्व के साथ बैठक की थी.
सेना द्वारा संचालित स्कूल पर तालिबान के हमले के बाद पाकिस्तान ने देश से आतंकवाद का उन्मूलन करने के लिए एनएपी तैयार किया था. हमले में मरने वाले तकरीबन 150 लोगों में से ज्यादातर बच्चे थे. सेना प्रमुख और प्रधानमंत्री ने 23 मार्च को पाकिस्तान के सशस्त्र बलों के संयुक्त परेड और उसकी सफलता के लिए जरुरी कदमों पर भी चर्चा की.
खबरों में कहा गया है कि सात साल के अंतराल के बाद हो रहे इस परेड में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग मुख्य अतिथि के तौर पर हिस्सा ले सकते हैं. हालांकि, पाकिस्तान सरकार ने इस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं की है.
सशस्त्र बलों की तीनों शाखाओं का संयुक्त सैन्य परेड पाकिस्तान दिवस समारोह की पहचान है और इसमें सैन्य साजो-सामान और सांस्कृतिक गतिविधियां प्रदर्शित की जाती हैं. पिछला सैन्य परेड 23 मार्च 2008 को जनरल परवेज मुशर्रफ के शासन काल के दौरान आयोजित किया गया था.
आज की बैठक के दौरान जनरल शरीफ ने प्रधानमंत्री को उत्तरी वजीरिस्तान में ऑपरेशन जर्ब-ए-अज्ब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कयाबली क्षेत्रों में खैबर-1 नाम से आतंकवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के बारे में भी जानकारी दी.
पेशावर हमले के बाद दोनों क्षेत्रों में सैन्य अभियान को तेज कर दिया गया है. पाकिस्तान ने आतंकवाद से संबंधित मामलों में फांसी दिए जाने पर छह साल से लगी रोक को समाप्त कर दिया था और सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने का संकल्प जताया था.