म्यूनिख-बर्लिन : यूक्रेन के राष्ट्रपति ने अपने देश के विवादग्रस्त पूर्वी क्षेत्र में जल्दी संघर्षविराम लागू करने पर जोर दिया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति पेत्रो पोरोशेंको और रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जर्मनी और फ्रांस के नेताओं के साथ आज फोन पर बातचीत करेंगे ताकि कई महीनों के अवरोध और संदेह से उबरा जा सके और अत्यधिक उल्लंघनों का शिकार बन रही सितंबर की शांति योजना में एक नयी जान डाली जा सके.
लेकिन जिन लोगों ने इस पहल के लिए योजना तैयार की थी, वे भी इसके परिणामों को लेकर सावधानी बरत रहे हैं. जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल और फ्रांसिसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने गुरुवार को कीव और शुक्रवार को मास्को की यात्रा की थी. उन्होंने पिछले समझौतों की विफलता के कारण पैदा हुई मोहभंग की स्थिति की ओर इशारा किया था और कहा था कि नया समझौता भी काम कर जाएगा, ‘इसकी भी कोई गारंटी नहीं है.’
इस बीच एएफपी की एक रिपोर्ट के अनुसार जर्मन विदेश मंत्री फ्रैंक-वॉल्टर स्टीनमियर ने कहा कि पूर्वी यूक्रेन में शांति के लिए फ्रांस और जर्मन के नये प्रयास के भाग्य को जानने में ‘दो या तीन दिन’ का समय लगेगा. स्टीनमियर ने कल म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन से इतर जर्मन टेलीविजन को बताया, ‘यह रास्ता व्यवहार्य है या नहीं, इसका फैसला अगले दो से तीन दिनों में हो जाएगा.’
इस सम्मेलन का मुख्य ध्यान चांसलर एंजेला मार्केल और फ्रांसिसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद द्वारा मास्को और कीव पर लागू की जाने वाली शांति योजना पर था. स्टीनमियन ने जोर देकर कहा कि इस कूटनीतिक पहल की सफलता के कयास लगाना ‘अभी बहुत जल्दबाजी’ होगी. ओलांद ने इस प्रयास को 10 माह पुराने विवाद पर रोक लगाने के ‘अंतिम मौकों में से एक बताया था.’