दूसरों से सम्मान पाना है तो सम्मान देना सीखें

*।। दक्षा वैदकर ।। एक युवक ने कल फोन पर अपनी समस्या बतायी. उसका कहना था, ‘कोई मेरी बात नहीं सुनता. मुझे सम्मान नहीं देता. घर और दफ्तर, दोनों जगहों पर मेरा कोई मोल नहीं है. मुझे तो चपरासी भी भाव नहीं देता.’ यह समस्या अनेक लोगों की है, इसलिए इसका जवाब कॉलम में दे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2013 3:44 AM

*।। दक्षा वैदकर ।।

एक युवक ने कल फोन पर अपनी समस्या बतायी. उसका कहना था, कोई मेरी बात नहीं सुनता. मुझे सम्मान नहीं देता. घर और दफ्तर, दोनों जगहों पर मेरा कोई मोल नहीं है. मुझे तो चपरासी भी भाव नहीं देता.यह समस्या अनेक लोगों की है, इसलिए इसका जवाब कॉलम में दे रही हूं.

सम्मान एक ऐसी चीज है, जो पहले हमें दूसरों को देनी होती है और बाद में हमें मिलती है. सम्मान तोहफे में नहीं मिलता. इसे कमाया जाता है. सम्मान पाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है, दूसरों को सम्मान देना. अब हम आगे बात करेंगे कि दूसरों को सम्मान कैसे दिया जाये, जिसके बदले में आपको भी सम्मान मिले.

* पहली बात : दूसरों का मजाक उड़ायें.यदि आप किसी का मजाक उड़ायेंगे, तो सामनेवाला भले ही उस वक्त हंस देगा, लेकिन वह बाद में आपको सम्मान नहीं देगा. यदि आप बड़े पद पर हैं तो भले ही वह ऊपरी तौर पर आपसे ठीक से बात करे, लेकिन भीतर ही भीतर आपके प्रति घृणा से भर जायेगा. इसलिए सबसे ज्यादा जरूरी है दूसरों को सम्मान देना.

* दूसरी बात : अच्छे श्रोता बनें.लोगों की बातों को ध्यान से सुनें. कई बार हम लोगों की बातों को इसलिए नहीं सुनते, क्योंकि हमें लगता है कि मैं इस व्यक्ति की समस्या को हल नहीं कर सकता इसलिए बात सुनना ही बेकार है. आप भूल जाते हैं कि आपका केवल उस इनसान की बातों को ध्यान से सुनना ही उसे बहुत अच्छा महसूस करायेगा. आप सामनेवाले की आंखों में देख कर उसकी बातों को गौर से सुनें और अगर आपको लगे कि आप कोई सुझाव दे सकते हैं, तो जरूर दें.

* तीसरी बात : थैंक्स, प्लीज जैसे शब्दों को प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करें.अपनी भावभंगिमा बोलने के तरीके में विनम्रता लायें. आप जितना ज्यादा विनम्र होंगे, लोग आपका उतना ही सम्मान करेंगे.

* चौथी बात : रोल मॉडल बनें.आप जो सुझाव दूसरों को दें, उन पर पहले खुद अमल करना सीखें. ऐसी कोई भी बात कहें, जो आप खुद नहीं करते.

* पांचवी और सबसे जरूरी बात : व्यक्ति को उसका पद या उम्र देख कर सम्मान दें.अगर बॉस को मुस्कुरा कर हैलो कहते हैं, तो चपरासी को भी मुस्करा कर जवाब दें. यदि घर के बड़ों का सम्मान करते हैं, तो बच्चों को भी उतना ही सम्मान दें.

– बात पते की

* हम जैसा व्यवहार दूसरों से चाहते हैं, वैसा ही व्यवहार हमें दूसरों के साथ करना चाहिए. किसी ने ठीक ही कहा है, जैसा बोओगे, वैसा पाओगे.

* अपनी आवाज के उतारचढ़ाव, बोलने के तरीके और भावभंगिमा पर ध्यान दें. इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि कठोर शब्दों का प्रयोग बिल्कुल हो.

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