नीतीश ने मुझे सीएम बना कर महागलती की : मांझी
पटना: मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार की सुबह एक बार फिर खुल कर नीतीश कुमार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि नीतीश कह रहे हैं कि मुङो मुख्यमंत्री बना कर उन्होंने गलती की, लेकिन मैं कहता हूं कि उन्होंने गलती नहीं, महागलती की थी. नीतीश कुमार ने समझने में गलती की कि जीतन राम […]
पटना: मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार की सुबह एक बार फिर खुल कर नीतीश कुमार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि नीतीश कह रहे हैं कि मुङो मुख्यमंत्री बना कर उन्होंने गलती की, लेकिन मैं कहता हूं कि उन्होंने गलती नहीं, महागलती की थी. नीतीश कुमार ने समझने में गलती की कि जीतन राम मांझी महादलित का लड़का है और उनके हाथ की कठपुतली बनेगा. जीतन राम मांझी राज्यमंत्री रहा है, मंत्री रहा है, उससे जैसा चाहेंगे, जैसा कहेंगे, वैसा करेगा, अगर ऐसा सोचा था, तो उन्होंने महागलती की थी.
अपने सरकारी आवास 1, अणो मार्ग में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कहा, मुङो तो मालूम था कि नीतीश कुमार गरीबों के बारे में सोचते हैं, लेकिन यह नहीं पता था कि उनके दिमाग में ऑर्थोडॉक्स(रूढ़ीवादी) है. जब कोई आदमी मुख्यमंत्री मनोनीत होता है या फिर निर्वाचित होता है, तो क्या जो उसे मनोनीत करता है, उसके अनुसार चलेगा? उसका भी मन होता है और वह जो देखता है, उसमें बेहतरी के लिए काम भी करता है और हमने भी वैसा ही किया है. हमने कोई गलती नहीं की है, बल्कि जदयू का वोट बैंक और बेस को मजबूत किया है. गरीबों को अधिकार लेने को कहा है.
दलित-महादलित और पिछड़े का जो वोट दूसरे जगह जा रहा था, उसे रोका और एकजुट किया है. मई, 2014 में जब मेरे नेतृत्व में सरकार बनी, तो हमलोग नीतीश कुमार से पूछ कर काम करते थे. उनका जो निर्देश आता था, उस पर हमलोग काम करने लगे. इससे प्रगति में बाधा आ रही थी. मीडिया समेत लोग भी हमें रिमोट से चलनेवाला मुख्यमंत्री बता रहे थे. हम गरीब घर से हैं. गरीब स्वाभिमानी होता है. स्वाभिमान की रक्षा के लिए जो कुछ होगा, करेंगे. हमने देखा कि दलित-महादलित के नाम पर बहुत सी योजनाएं हैं, लेकिन उन पर काम नहीं हो रहा है और न ही उनका लाभ मिल रहा है. हमने सोचा कि नीतीश कुमार के काम से एक डेग आगे नहीं बढ़े, यह ठीक है , लेकिन गरीबों को लाभ तो मिलना चाहिए.
गरीबों के हक की बात करना क्या पार्टी विरोधी काम है?
मुख्यमंत्री ने कहा, समाज, विभाग समेत कैबिनेट में भी बिचौलिये लगे हुए थे. मंत्रिमंडल के साथी ठेकेदारी में काम को बाधित कर रहे थे. गरीबों को लाभ नहीं मिल रहा था, जो हमें बरदाश्त नहीं था. इस पर कुछ अधिकारियों, पदाधिकारियों समेत कैबिनेट के साथी आये, तो उन पर कानूनी कार्रवाई की गयी. जब हम कार्रवाई करने लगे, तो कहा जाने लगा कि पार्टी विरोधी काम कर रहे हैं. गरीबों की हक की बात करना क्या पार्टी विरोधी काम है? गरीब बच्चों को छात्रवृत्ति नहीं मिल रही थी. 75 फीसदी की उपस्थिति को 55 फीसदी कर दिया, तो यह गलत कर दिया? सभी कोटि की छात्रओं के हायर एजुकेशन को मुफ्त कर दिया, तो क्या यह दल विरोधी काम है? क्या कहीं जदयू के बेस में कमी आयी है या अस्थिरता दिखी है? यह सब काम एकजुटता के लिए किया गया, लेकिन जब गरीबों का काम होने लगा तो लोगों को लगने लगा कि गड़बड़ हो रहा है, उसे (जीतन राम मांझी को) ही हटा दो. वे लोग विधानसभा गये. नीतीश कुमार को विधानमंडल दल का नेता चुन लिया गया. हमें असंबद्ध करने की बात सामने आ रही है. उसका कानूनी पहलू भी देखेंगे.
शरद ने कहा था कि नीतीश के नाम का करें प्रपोज
मांझी ने कहा कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि आप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दीजिए और नीतीश कुमार का नाम प्रपोज कीजिए. मैंने कहा कि जो बात आप कह रहे हैं, वह नीतीश कुमार भी कह सकते हैं. अगर वह कह दें कि आप गलत काम कर रहे हैं, इस्तीफा दे दीजिए, तो मैं खुशी-खुशी इस्तीफा दे दूंगा, लेकिन नीतीश कुमार ने कभी कुछ नहीं कहा. पार्टी के प्रवक्ता, विधान पार्षद समेत छोटे नेताओं से लगातार कहलवाया. 15 जनवरी को नीतीश कुमार के आवास पर शरद यादव, लालू प्रसाद के साथ चारों की बातचीत हुई थी. मैंने कहा था कि आप अपने छोटे नेताओं से मुख्यमंत्री को बेइज्जत क्यों करवा रहे हैं. आप कहें, तो मैं हट जाता हूं. इस पर उन्होंने कहा, मैं कुछ नहीं करवा रहा. बाद में मैंने एक सभा में कहा था कि नीतीश कुमार बिहार की राजनीति में भीष्म की भूमिका में दिख रहे हैं. मुख्यमंत्री के साथ पार्टी में अनैतिक बात और अन्याय हो रही है और वह खामोश बैठे हैं.
हॉर्स ट्रेडिंग हम नहीं, नीतीश कर रहे हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि हॉर्स ट्रेडिंग की बात हो रही है. वह खुद हॉर्स ट्रेडिंग कर रहे हैं. करीब 100 विधायकों को दिल्ली फ्लाइट से लेकर गये. बड़े-बड़े होटलों में उन्हें रखा. एक-एक विधायक पर लाख-लाख रुपये से ज्यादा खर्च किये. यह पैसा कहा से आया? यह हॉर्स ट्रेडिंग नहीं है, तो क्या है? वह अपने बाहुबलियों को विधायकों के घर-घर भेज रहे हैं. कहलवा रहे हैं कि पार्टी का टिकट लेना है या नहीं, सदन में पहुंचना है या नहीं. जो पुराने मामले हैं, उन्हें निकाला जायेगा. इस तरह की धमकी दी जा रही है. जीतन राम मांझी गरीब है. उसके पास पैसा कहां से आयेगा? वह क्या हॉर्स ट्रेडिंग करेगा?
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री महाचंद्र प्रसाद सिंह, विधायक राजीव रंजन, रवींद्र राय मौजूद थे.