दहेज के खिलाफ कांवड़ लेकर निकली महिला

मेरठ : भगवान आशुतोष से अपने मन की मुराद पूरी कराने के लिए शिवभक्त सभी तकलीफों के बावजूद पूरे जोश से अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहे हैं. इसी भीड़ में दो महिलाएं ऐसी दिखी, जिनकी सोच अधिकांश कांवड़ियों की सोच से अलग नजर आयी. दहेज के खिलाफ रेणु का अभियान : दिल्ली के उत्तमनगर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2013 7:35 AM

मेरठ : भगवान आशुतोष से अपने मन की मुराद पूरी कराने के लिए शिवभक्त सभी तकलीफों के बावजूद पूरे जोश से अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहे हैं. इसी भीड़ में दो महिलाएं ऐसी दिखी, जिनकी सोच अधिकांश कांवड़ियों की सोच से अलग नजर आयी.

दहेज के खिलाफ रेणु का अभियान : दिल्ली के उत्तमनगर की रहनेवाली 35 वर्षीय रेणु त्यागी इसलिए कांवड़ लेकर आयी हैं क्योंकि वह चाहती हैं कि समाज से दहेज के लिए बेटियों को जलाये जाने की बीमारी समाप्त हो जाये. अपने ससुरालवालों द्वारा यह दंश ङोल चुकी रेणु कहती हैं कि वह तब तक कांवड़ लाना जारी रखेंगी, जब तक भोलेनाथ उनकी प्रार्थना सुन समाज से इस कलंक को समाप्त न कर दें.

उन्होंने बताया कि वह गत छह वर्षो से कांवड़ लेकर आ रही हैं. मई 2005 में उनकी शादी दिल्ली के खानपुर में हुई थी. उसके ससुरालवालों ने दो लाख रु पये के दहेज की मांग पूरी न होने पर उस पर मिट्टी का तेल छिड़क कर उसे जला कर मारना चाहा था. वह 40 प्रतिशत जलने के बाद भी भगवान शिव की कृपा से बच गयी. पहली बार वह ईश्वर के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए कांवड़ लायी थी, लेकिन अब उन्होंने संकल्प लिया है कि जब तक दहेज लोभी अपनी बहुओं को जलाना बंद नहीं कर देंगे, तब तक वह कांवड़ लेकर भगवान शिव के दरबार आयेगी.

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