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अमेरिका ने भारत और श्रीलंका के बीच असैन्य परमाणु समझौते का किया स्वागत

वाशिंगटन : अमेरिका ने भारत और श्रीलंका के बीच हुए असैन्य परमाणु समझौते का स्वागत करते हुए कहा है कि यह आईएईए के सुरक्षा उपायों और अन्य अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरुप है. विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जेन साकी ने कल कहा, ‘हम परमाणु ऊर्जा पर उस क्षेत्रीय सहयोग का स्वागत करते हैं जो आईएईए (अंतरराष्ट्रीय […]

वाशिंगटन : अमेरिका ने भारत और श्रीलंका के बीच हुए असैन्य परमाणु समझौते का स्वागत करते हुए कहा है कि यह आईएईए के सुरक्षा उपायों और अन्य अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरुप है. विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जेन साकी ने कल कहा, ‘हम परमाणु ऊर्जा पर उस क्षेत्रीय सहयोग का स्वागत करते हैं जो आईएईए (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) के सुरक्षा उपायों और अन्य अंतरराष्ट्रीय मानकों एवं कार्यप्रणालियों के अनुरुप है.’

उन्होंने भारत और श्रीलंका द्वारा सैन्य परमाणु सहयोग समझौते पर किए गए हस्ताक्षर के बारे में पूछने पर कहा, ‘हम इस घोषणा के बारे में जानते हैं.’ जेन ने इस समझौते पर कोई और टिप्पणी नहीं की. भारत और श्रीलंका ने गत सोमवार एक असैन्य परमाणु सहयोग समझौते पर दस्तखत किए थे. श्रीलंका ने पहली बार किसी देश के साथ ऐसा समझौता किया है. इससे श्रीलंका की नयी सरकार के भारत समर्थक रूख के संकेत मिलते हैं.

इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना के बीच हुई वार्ता के बाद की गई. सिरीसेना की राष्ट्रपति पद संभालने के बाद यह पहली विदेश यात्रा है. समझौते के तहत ज्ञान एवं विशेषज्ञता के अंतरण एवं आदान-प्रदान, संसाधन साझा करने, परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल में कर्मियों के क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण जैसे सहयोग किए जाएंगे.

रेडियोधर्मी कचरा प्रबंधन और परमाणु एवं रेडियोधर्मी आपदा राहत तथा पर्यावरण संरक्षण में भी सहयोग किया जाएगा. सिरीसेना ने राष्ट्रपति चुनाव में महिंदा राजपक्षे को मात दी थी. राजपक्षे पिछले 10 साल से श्रीलंका के राष्ट्रपति पद पर आसीन थे.

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