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ओमानी नेताओं ने सुषमा से कहा, भारत के साथ रिश्ते प्रगाढ करने के लिए उत्सुक

मस्कत : खनिज तेल से मालामाल ओमान की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर पहुंची विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज शीर्ष ओमानी नेताओं से मुलाकात की जिन्होंने भारत के साथ रिश्ते प्रगाढ करने की उत्सुकता जताई. सुषमा ने ओमान के उप प्रधानमंत्री सैयद फहद बिन महमूद अल सईद, विदेश मंत्री यूसुफ बिन अलवी बिन अब्दुल्ला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 18, 2015 6:40 PM

मस्कत : खनिज तेल से मालामाल ओमान की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर पहुंची विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज शीर्ष ओमानी नेताओं से मुलाकात की जिन्होंने भारत के साथ रिश्ते प्रगाढ करने की उत्सुकता जताई. सुषमा ने ओमान के उप प्रधानमंत्री सैयद फहद बिन महमूद अल सईद, विदेश मंत्री यूसुफ बिन अलवी बिन अब्दुल्ला और शाही दफ्तर (रायल आफिस जनरल) के मंत्री सुल्तान बिन मोहम्मद अल नौमानी से व्यापक वार्ता की. यूसुफ से अपनी मुलाकात के दौरान सुषमा ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और परस्पर हितों के अन्य मुद्दों पर चर्चा की.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने बताया कि दोनों नेताओं ने समुद्री पडोसी के रूप में रिश्तों के सामरिक पहलुओं पर चर्चा केन्द्रित की. भारतीय अधिकारियों ने बताया, ‘विदेश मंत्री ने विभिन्न राजनीतिक, आर्थिक, रक्षा, सुररक्षा और दोनों देशों की जनता के बीच के संपर्क पर चर्चा की.’ अकबरुद्दीन ने बताया कि सुषमा ने सैयद फहद से मुलाकात की और ओमानी नेता ने कहा कि ओमान भारत के साथ रिश्ते प्रगाढ करने को उत्सुक है. यह खाडी क्षेत्र की सुषमा की तीसरी यात्रा है.

इससे पहले उन्होंने सितंबर में बहरीन की यात्रा की थी जबकि नवंबर में उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा की. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यह दिखाता है कि नयी सरकार सामरिक महत्व के इस क्षेत्र के साथ भारत के रिश्तों को कितना महत्व देती है. भारतीय अधिकारियों ने बताया कि सुषमा ने क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की जिनमें भारत और ओमान दोनों की रुचि है. खाडी क्षेत्र में कई लाख भारतीय रहते हैं और उसकी सुरक्षा और स्थिरता भारत के लिए अहम है.

खाडी देश भारत की दो तिहाई कच्चे तेल की आवश्यकता का स्रोत है और यह भारत के लिए सबसे बडा कारोबारी क्षेत्रीय ब्लाक है. भारत अपना एक चौथाई वैश्विक कारोबार खाडी देशों के साथ करता है. अधिकारियों ने कहा कि अवाम के स्तर पर भारत और ओमान के बीच बहुत जीवंत रिश्ते हैं और दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक आर्थिक एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान होते हैं. ओमान के विभिन्न क्षेत्रों में तकरीबन सात लाख से अधिक भारतीय काम करते हैं.

वे ओमान के सबसे बडी विदेशी समूह हैं और हर साल तकरीबन 3 अरब डालर स्वदेश भेजते हैं. सुषमा ने कल ओमान में भारतीय समुदाय की सराहना की और कहा, ‘हमें आपकी उपलब्धियों पर गर्व है.’ ओमान की राजधानी में यहां भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए स्वराज ने कहा कि भारत को निवेश एवं उत्पादन का लक्षित स्थान बनाने के लिए प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के जरिए कई कदमों की घोषणा की जा चुकी है.

ओमान खाडी क्षेत्र में भारत का एक अहम कारोबारी पार्टनर है. दोनों के बीच द्विपक्षीय कारोबार 2013 में 5.7 अरब डालर पार कर गया था. ओमान के साथ भारत का कारोबार लगातार बढ रहा है. पिछले पांच साल में यह 125 प्रतिशत से ज्यादा बढा है. भारत और ओमान के बीच 1500 से ज्यादा संयुक्त उद्यम हैं. उनमें प्रमुख में ओमान-भारत खाद कंपनी और मध्यप्रदेश के बीणा में भारत-ओमान तेलशोधक संयंत्र हैं.

ओमान के साथ भारत के नियमित नौसैनिक, वायुसैनिक और थलसैनिक युद्धाभ्यास होते हैं. दोनों देशों के बीच नवीनतम सैन्य युद्धाभ्यास पिछले माह ओमान में हुआ और इसका उद्देश्य युद्धक क्षमता बढाने, जमीनी कौशल का विकास एवं सैन्य सूचना का आदान-प्रदान था. ओमान जिस क्षेत्र में स्थित है उस क्षेत्र में समुद्री डाकू निरोधी अभियान में भारत की विशेष रुचि है. विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने कहा, ‘इन अभियानों में भारत को जो सहायता प्रदान की, हम उसके लिए ओमान के आभारी हैं.प्रवक्ता ने कहा, ‘भारत और ओमान की सुरक्षा एजेंसियों या सुरक्षा प्रतिष्ठानों के बीच चर्चा में साइबर एक अहम क्षेत्र है.’

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