नयी दिल्ली : देश में स्वाइन फ्लू से मरने वालों की संख्या 703 हो गई है. राजस्थान में बीते 24 घंटे के दौरान स्वाइन फ्लू से नौ और रोगियों की मौत होने के साथ ही प्रदेश में इस साल एच1एन1 वायरस के संक्रमण के चलते जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढकर 202 हो गई है. राजस्थान के साथ कई अन्य राज्य भी इसकी चपेट में हैं. राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जयपुर में स्वाइन फ्लू से सर्वाधिक 34 रोगियों की मौत हुई है जबकि अजमेर में 27, जोधपुर में 24, नागौर में 21, बाडमेर में 16 और कोटा में 11 लोगों की जान इस बीमारी की वजह से गई.
उन्होंने बताया कि प्रदेश में स्वाइन फ्लू के 9,548 संदिग्ध रोगियों की जांच की गई जिनमें से 5,651 लोगों की जांच के नतीजे पॉजिटिव पाए गए थे. इनमें से 202 लोगों की उपचार के दौरान मृत्यु हो गई. सवाई मान सिंह अस्पताल में स्वाइन फ्लू रोगियों के उपचार दल में शामिल एक वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया कि अस्पताल में भर्ती दो रोगियों की स्थिति चिंताजनक है लेकिन शेष रोगियों की हालत खतरे से बाहर है. उन्हांेने कहा कि मौसम बदलने से अब स्वाइन फ्लू के रोगियों की संख्या में धीरे धीरे कमी आएगी. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों अचानक ठंड बढने की वजह से रोगियों की संख्या भी बढ गयी थी.
स्वाइन फ्लू : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने की मुख्यमंत्री से मुलाकात
लखनऊ : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने देश में स्वाइन फ्लू के कहर के बीच आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की और इस बीमारी की रोकथाम में केंद्र की ओर से हरसम्भव मदद देने का आश्वासन दिया.
नड्डा ने मुख्यमंत्री से उनके आवास पर मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा कि अखिलेश के साथ बैठक में स्वाइन फ्लू की रोकथाम तथा चिकित्सा स्वास्थ्य से जुडे अन्य विभिन्न मुद्दों पर बातचीत हुई। इस दौरान स्वाइन फ्लू को लेकर विस्तृत विवेचना और चर्चा हुई.
उन्होंने कहा ‘‘हमारे बीच गहन चर्चा और विवेचना हुई. हमने उन्हें केंद्र की तरफ से पूरे सहयोग का आश्वासन दिया है.’’ नड्डा ने कहा कि देश के विभिन्न अस्पतालों तथा पंजीकृत दुकानों पर स्वाइन फ्लू की दवा की कोई कमी नहीं है. लोगों में इस बीमारी की दवा की कमी का बेबुनियाद डर बैठ गया है.
उन्होंने कहा ‘‘स्वाइन फ्लू की दवा ‘एक्स श्रेणी’ के लाइसेंस वाली दुकानों पर बिकने वाली औषधि है. चूंकि यह दवा सिर्फ डाक्टर के नुस्खे के आधार पर ही मिलती है और उसके बिना कोई भी केमिस्ट वह दवा नहीं दे सकता, इसलिये लोगों में भ्रम है कि दवा उपलब्ध नहीं है. हमारी वेबसाइट पर पंजीकृत दुकानों के नाम लिखे हैं.
उनके पास पर्याप्त दवा है.’’ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अगर कोई पंजीकृत दुकानदार डॉक्टर के पर्चे पर लिखी होने के बावजूद स्वाइन फ्लू की दवा देने से इनकार करता है तो उसकी शिकायत की जानी चाहिए जिस पर तुरंत कार्रवाई होगी. नड्डा ने कहा ‘‘स्वाइन फ्लू से घबराने की जरुरत नहीं है, सतर्क रहने की जरुरत है. हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं. अगर आपको बुखार है तो तुरन्त अस्पताल में जांच कराये. घबराकर खुद से ही दवा शुरु करने की जरुरत नहीं है.’’