कृषि उत्पादकता योजनाओं का लें लाभ

कृषि मंत्रलय खेती की उत्पादकता बढ़ाने के लिए बहुत सारी योजनाएं चला रहा है. अकसर किसानों को इसकी जानकारी नहीं होती, जिस कारण वे इसका लाभ नहीं ले पाते. अत: हम यहां ऐसी कुछ कृषि योजनाओं पर बात कर रहे हैं, जो किसानों के लिए मददगार साबित हो सकती हैं. कृषक पाठशालाकृषि विभाग कृषक पाठशालाएं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 10, 2013 10:40 AM

कृषि मंत्रलय खेती की उत्पादकता बढ़ाने के लिए बहुत सारी योजनाएं चला रहा है. अकसर किसानों को इसकी जानकारी नहीं होती, जिस कारण वे इसका लाभ नहीं ले पाते. अत: हम यहां ऐसी कुछ कृषि योजनाओं पर बात कर रहे हैं, जो किसानों के लिए मददगार साबित हो सकती हैं.

कृषक पाठशाला
कृषि विभाग कृषक पाठशालाएं भी चलता है. इसमें किसानों को खेती के आधुनिक और उन्नत तकनीक के बारे में पढ़ाया जाता है. 11वीं पंचवर्षीय योजना में राज्य में ऐसी करीब 13 कृषक पाठशालाएं स्थापित की गयी थीं.

अरहर प्रोत्साहन योजना
झारखंड में दलहल की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए अरहर प्रोत्साहन योजना चलायी जा रही है. योजना सभी जिलों में लागू है. इसके तहत राज्य में अरहर की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसमें किसानों को प्रति हेक्टेयर 1000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है. इसमें 500 रुपये प्रति हेक्टेयर बुआई के लिए 500 रुपये प्रति हेक्टेयर फसल की कटाई के लिए निर्धारित है.

अनुदानित दर पर बीजोपचार सामग्री का वितरण

राज्य के कृषि पैदावार को बढ़ाने और फसलों को बीमारियों से बचाने के लिए बुआई के पहले बीजों के समुचित उपचार पर जोर दिया जा रहा है. इसके लिए कृषि विभाग की खास योजना भी है. इसी के तहत अनुदानित दर पर बीजोपचार सामग्री का भी वितरण किया जाता है. कृषि विभाग की पहली कोशिश है कि किसानों को उपचारित बीज उपलब्ध कराया जाये. दूसरी कोशिश है कि जिन किसानों को उपचारित बीज उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है, उन्हें बीज उपचार की सामग्र दी जाये. इसमें बीज उपचार की दवा भी शामिल है. खुद से सुरक्षित रखे गये बीज की कुल मात्र के एक तिहाई भाग को उपचारित करने के लिए 90 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जाना है.

मुख्यमंत्री किसान खुशहाली योजना
राज्य में छोटे, सीमांत व भूमिहीन किसानों की संख्या अधिक है. उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब है. ऐसे किसानों को कृषि अलावा आय के दूसरे साधन उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री किसान खुशहाली योजना शुरू की गयी है. इसकी नोडल एजेंसी आत्मा को बनाया गया है. इसके तहत स्वयं सहायता समूहों के जरिये महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर विशेष जोर है.

कृषि उपकरण बैंक
प्रखंडों में कृषि उपकरण बैंक स्थापित किये जाने हैं. इसके तहत एक इकाई पर 20 लाख रुपये तक खर्च किये जाने हैं. इसमें 75 प्रतिशत राशि यानी 15 लाख रुपये तक का अनुदान सरकार देती है. इस बैंक में कृषि संबंधी सभी तरह के यंत्र रखे जाने हैं. क्षेत्र के किसान अपनी आवश्यकता के अनुसार इस बैंक से उपकरण किराये पर लेकर उनका उपयोग कर सकेंगे.

किसान क्रेडिट कार्ड
किसान क्रेडिट कार्ड बेहद चर्चित और लोकप्रिय योजना है. यह आर्थिक रूप से पिछड़े किसानों को खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए संचालित है. इस योजना में पंचायत व प्रखंड से बैंक तक बिचौलिया व कमीशनखोर भरे हुए हैं. योजना का सही लाभ किसानों को मिले, इसके लिए आप भी सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं. पंचायती राज संस्थाओं की भूमिका तो बेहद महत्वपूर्ण है. इस मामले में सूचनाधिकार का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

राष्ट्रीय सूक्ष्म सिंचाई मिशन
इस योजना के तहत सिंचित क्षेत्र का विस्तार किया जाना है. इसमें लाभुकों का चयन कर अधिक -से-अधिक क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करानी है. पुराने सिंचाई साधन का भी इस योजना के तहत समुचित उपयोग सुनिश्चित किया जाना है. यह योजना उन क्षेत्रों के लिए ज्यादा लाभकारी है, जहां पहाड़ी जलस्नेत तो है, लेकिन सिंचाई की ठोस व्यवस्था नहीं है.

राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना

इस योजना के तहत किसानों को प्राकृतिक आपदा (बाढ़, सुखाड़, अगलगी) से होने वाले उत्पादन नुकसान की भरपाई की जाती है. जिन किसानों ने किसी भी बैंक से कृषि कार्य के लिए कर्ज लिया हो, वे इस योजना के तहत निश्चित रूप से लाभ लेने के लिए चुने जाते हैं. अगर किसी ने बैंक से कर्ज नहीं लिया हो व वह चाहता है कि उसकी फसल का भी बीमा हो, तो वह इस योजना में शामिल हो सकता है. कृषि बीमा में छोटे व सीमांत किसानों के लिए बीमा की प्रीमियम राशि का 10 प्रतिशत सरकार देती है.

बीज प्रसंस्करण संयंत्र
कृषि विभाग राज्य को बीज के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी योजना चला रहा है. इसके तहत राज्य के सभी जिलों में बीज प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना की जा रही है. इन संयंत्रों के माध्यम से धान और दलहन के बीजों का प्रसंकरण कर उनकी उत्पादन क्षमता में वृद्धि किया जाना है.

पूर्वोत्तर क्षेत्र में हरित क्रांति विस्तार
पूर्वोत्तर क्षेत्र में हरित क्रांति विस्तार योजना के तहत झारखंड में कृषि विकास के लिए केंद्र सरकार ने आर्थिक सहायता का आकार बढ़ा दिया है. इस वर्ष राज्य को 85.00 करोड़ रुपये दिये गये हैं. यह पिछले साल से 25 करोड़ रुपये अधिक है.

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कृषि एवं गन्ना विकास विभाग, नेपाल हाउस, डारंडा, रांची

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कृषि एवं गन्ना विकास विभाग, नेपाल हाउस, डोरंडा, रांची

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प्रखंड कृषि पदाधिकारी -सह- सहायक लोक सूचना पदाधिकारी

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