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सिंगापुर सुप्रीम कोर्ट में न्यायिक आयुक्त बनेंगे भारतीय मूल के अधिवक्ता
सिंगापुर: 49 वर्षीय भारतीय मूल के अधिवक्ता को सिंगापुर के सुप्रीम कोर्ट की पीठ में दो साल के लिए न्यायिक आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है.प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान के अनुसार वरिष्ठ अधिवक्ता के. रमेश को कल पीठ में नियुक्त किया गया. वह 22 मई को पदभार संभालेंगे. विवाद निपटान, दिवालियापन, नवीनीकरण […]
सिंगापुर: 49 वर्षीय भारतीय मूल के अधिवक्ता को सिंगापुर के सुप्रीम कोर्ट की पीठ में दो साल के लिए न्यायिक आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है.प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान के अनुसार वरिष्ठ अधिवक्ता के. रमेश को कल पीठ में नियुक्त किया गया.
वह 22 मई को पदभार संभालेंगे. विवाद निपटान, दिवालियापन, नवीनीकरण और अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता में विशेषज्ञता रखने वाले रमेश ने कहा ‘सेवा देने के लिए कहा जाना सम्मान की बात है. हमेशा उच्चतम सम्मान कायम रखने वाले संस्थान में यह एक नए और रोमांचक अध्याय की शुरुआत है.’
द स्ट्रेट्स टाइम्स ने रमेश के हवाले से कहा ‘मैं योगदान देने और बदलाव लाने का इंतजार कर रहा हूं.’ रमेश विधि कंपनी तान कोक कुआन पार्टनरशिप के प्रबंधक साझेदार और अन्य पदों से त्यागपत्र देंगे. इन पदों में सिंगापुर एकेडमी ऑफ लॉ की कानून सुधार समिति के सदस्य पद और स्थानीय टेल्को एम1 बोर्ड का पद भी शामिल है.
रमेश ने वर्ष 1990 में नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर से स्नातक किया था और वर्ष 2012 में उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता नियुक्त किया गया था. वरिष्ठ अधिवक्ता के रुप में रमेश ने हाल ही में सिटी हारवेस्ट मामले में गिरजाघर के वित्तीय प्रबंधक शेरोन तान का प्रतिनिधित्व किया था.
यह मामला यहां के एक प्रमुख गिरजाघर समूह के वित्तीय प्रबंधन से जुडा है. न्यायिक आयुक्त का पद वर्ष 1986 में सृजित किया गया था. इस पद का सृजन निजी तौर पर वकालत कर रहे वकीलों को पीठ में आसीन करने और सुप्रीम कोर्ट के लंबित मामलों को निपटाने के लिए किया गया था. रमेश की नियुक्ति के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में 13 न्यायाधीश, 10 न्यायिक आयुक्त और पांच वरिष्ठ न्यायाधीश हो गए हैं.
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