वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सूजन राइस ने कहा है कि ईरान के साथ खराब समझौता करना कोई करार नहीं होने की स्थिति से भी बुरा होगा और अमेरिका ने ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने के लिए सभी विकल्प खुले रखे हैं. सूजन ने अमेरिकन-इस्राइल पब्लिक अफेयर्स कमेटी की बैठक में कहा कि राष्ट्रपति ओबामा यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि ईरान के पास कोई परमाणु हथियार नहीं हो.
इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि ओबामा उनके देश की सुरक्षा संबंधी चिंताओं को पूरी तरह नहीं समझते. सूजन ने नेतन्याहू के इस बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘इस्राइल की सुरक्षा राष्ट्रपति ओबामा की विदेश नीति के सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्यों में से एक है.’ उन्होंने इस्राइल में दिए अमेरिका के राष्ट्रपति के उस बयान को दोहराया जिसमें उन्होंने कहा था, ‘अमेरिका ईरान को परमाणु विकसित करने से रोकने के लिए हर संभव कोशिश करेगा.’
सूजन ने कहा, ‘राष्ट्रपति ओबामा ने जो कहा, वह उस बात पर संजीदा हैं. उन्होंने हमें भी ऐसे ही आदेश दिए हैं.’ सूजन ने कहा, ‘ईरान के आतंकवाद को समर्थन, क्षेत्र में परमाणु हथियार हासिल करने की दौड और वैश्विक परमाणु अप्रसार व्यवस्था को खतरे के मद्देनजर परमाणु हथियारों से लैस ईरान इस्राइल ही नहीं बल्कि अमेरिका के लिए भी खतरा होगा.’ उन्होंने इस्राइल को भरोसा दिलाया कि ओबामा प्रशासन ईरान के साथ वार्ता संबंधी उसकी चिंताओं को समझता है.
सूजन ने कहा, ‘हम हमारे इस्राइली मित्रों और भागीदादों की चिंताएं समझते हैं. मैं बहुत स्पष्ट होना चाहती हूं. खराब समझौता किसी प्रकार का समझौता नहीं होने से भी बुरा होगा.’ उन्होंने कांग्रेस में नेतन्याहू के भाषण का स्पष्ट तौर पर जिक्र करते हुए हुए कहा, ‘ईरान के साथ जारी वार्ताओं की संवेदनशील जानकारियों का सार्वजनिक तौर पर जिक्र नहीं किया जाना चाहिए.’ सूजन ने ईरान के साथ ‘पी5 प्लस वन’ वार्ताओं में वाशिंगटन की वार्ता की स्थिति के बारे में बताया.
उन्होंने कहा कि अमेरिका के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय समुदाय संयुक्त कार्य योजना के तहत ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने और अहम क्षेत्रों में उसे पीछे खिसकाने में सफल रहा है. सूजन ने कहा कि अब यह देखना होगा कि क्या एक अच्छा, दीर्घकालीन समग्र समझौता हो सकता है या नहीं. उन्होंने अच्छे समझौते के घटकों का जिक्र करते हुए कहा, ‘समझौता ऐसा होना चाहिए जो ईरान को अराक या कहीं भी प्लूटोनियम विकसित करने से रोके.
करार ऐसा होना चाहिए जो ईरान को फोरदाउ में परमाणु संयंत्र में यूरेनियम बनाने से रोके.’ उन्होंने कहा कि समझौते के तहत ईरान के परमाणु संबंधी कार्यक्रमों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने का समाधान होना चाहिए. सुजन ने कहा कि यदि ईरान मामले को कूटनीतिक रूप से सुलझाने से इनकार कर देता है तो वह और भी अलग-थलग पड जाएगा.