शिव की भक्ति में ऐसे डूबे कृष्ण की लिख डाला बरमेश्वरनाथ चालीसा

बाबा बरमेश्वर नाथ से प्रेरणा ले की बरमेश्वर नाथ चालीसा की रचना बक्सर/ब्रह्मपुर : भोजपुर जिले के शाहपुर प्रखंड निवासी पंडित श्री कृष्ण मिश्र ने बाबा बरमेश्वर नाथ की महिमा बचपन से सुनते-सुनते बाबा बरमेश्वर नाथ चालीसा ही लिख डाले. वर्ष 2003 में इसके लिए प्रयास शुरू किया, जो 2015 में जाकर पूरा हुआ. 17 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 8, 2015 7:27 AM
बाबा बरमेश्वर नाथ से प्रेरणा ले की बरमेश्वर नाथ चालीसा की रचना
बक्सर/ब्रह्मपुर : भोजपुर जिले के शाहपुर प्रखंड निवासी पंडित श्री कृष्ण मिश्र ने बाबा बरमेश्वर नाथ की महिमा बचपन से सुनते-सुनते बाबा बरमेश्वर नाथ चालीसा ही लिख डाले. वर्ष 2003 में इसके लिए प्रयास शुरू किया, जो 2015 में जाकर पूरा हुआ. 17 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन चलीसा का मुफ्त में श्री कृष्णा मिश्र ने वितरण किया. हनुमान चालीसा, शिव चालीसा, शनि चालीसा जैसे अन्य भगवान की लीला रचनाओं को कविताबद्ध करने व उसे पाठ के रूप में पूजा-अर्चना के लिए पढ़ने की हिंदू संस्कृति में एक नाम बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ का जुड़ गया है.
पंडित श्री कृष्ण मिश्र ने सालों के प्रयास के बाद बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ चालीसा की संस्कृत भाषा में रचना की है. अब तक लाखों प्रतियां नि:शुल्क बांटी जा चुकी हैं. पंडित जी की पुस्तक में इस बात का उल्लेख है कि आदर्श सिद्धांतों के अनुसार ब्रह्मपुर के नजदीक गंगा प्रवाहित होती थी. यह क्षेत्र जंगलों से आच्छादित था. वाल्मीकि रामायण में भी यह सिद्धाश्रम के रूप में वर्णन है. यहां अनेक सिद्ध स्थान हैं. इसी कड़ी में बाबा बरमेश्वर नाथ भी हैं, जो अनादि काल से भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं.
पंडित जी लिखते हैं ’’बरमेश्वर पद पद्वम नभी, उर मह पाई प्रकाश, चालीसा वर्णन करूं, सुनत होय दुख नाश’’
बाबा बरमेश्वर नाथ आप रूपी है, इनकी स्थापना स्वयं ब्रह्मा जी ने की थी, ऐसा स्कंद पुराण में वर्णन है. इनकी पूजा-अर्चना से भक्तों की सभी मनोकमनाएं पूर्ण होती हैं. पंजी को बाबा बरमेश्वर का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त है. महाशिवरात्रि के अवसर पर इनके द्वारा ब्रह्मपुर में पांच हजार प्रति चालीसा बांटी गयीं. इनकी सोच में बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ चालीसा की रचना हिंदी में करने और सर्व सुलभ भक्तों के लिए करने की है.

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