ब्रोकर की फीस से छुटकारा दिलाया ग्रैबहाउस डॉट कॉम ने
पढ़ाई के चलते युवाओं का नये शहर में जाना आम-सा हो गया है, लेकिन नये शहर में रहने के लिए रूम या फ्लैट ढ़ूंढ़ना आसान नहीं. इसके लिए लोगों को ब्रोकर का सहारा लेना पड़ता है, जो रूम रेंट व सिक्योरिटी के अलावा अपनी अलग फीस भी लेते हैं. इस फीस से लोगों को मुक्ति […]
पढ़ाई के चलते युवाओं का नये शहर में जाना आम-सा हो गया है, लेकिन नये शहर में रहने के लिए रूम या फ्लैट ढ़ूंढ़ना आसान नहीं. इसके लिए लोगों को ब्रोकर का सहारा लेना पड़ता है, जो रूम रेंट व सिक्योरिटी के अलावा अपनी अलग फीस भी लेते हैं. इस फीस से लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए पंखुड़ी श्रीवास्तव ने लांच की वेबसाइट ग्रैबहाउस डॉट कॉम.
वर्ष 2010 में भोपाल यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन करनेवाली पंखुड़ी शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के मकसद से मुंबई पहुंचीं, लेकिन मायानगरी में रहते हुए पांच बार फ्लैट बदलने और ब्रोकरेज फीस के रूप में अच्छी-खासी रकम खर्च करके उन्हें तगड़ा सबक मिला. इसी अनुभव के चलते जुलाई, 2013 में उन्होंने अपने 24 वर्षीय दोस्त प्रतीक शुक्ला के साथ मिल कर रियल एस्टेट वेबसाइट ‘ग्रैबहाउस डॉट कॉम’ की शुरुआत की. ग्रैबहाउस डॉट कॉम की शुरुआत करने के महज पांच महीने बाद ही पंखुड़ी के पास ऐसे 500 से अधिक घरों की लिस्ट तैयार हो गयी, जिनके मालिक उन्हें रेंट पर देना चाहते थे, उनकी वेबसाइट पर रेंट पर रूम की तलाश करनेवाले 1100 से अधिक लोगों ने अपना प्रोफाइल बनाया और इनमें से पंखुड़ी 150 से अधिक लोगों को लगभग 12 लाख की बचत के साथ घर और रूममेट दिला चुकी थीं. देखते ही देखते पंखुड़ी की यह पहल एक व्यवसाय में तब्दील हो गयी और पंखुड़ी को एक यंग एंटरप्रेन्योर की पहचान मिल गयी.
एजेंट की फीस देने से मिली मुक्ति
पंखुड़ी बताती हैं कि हमारे टारगेट कस्टमर 18-28 तक की उम्र के वे युवा थे, जो पढ़ाई या नौकरी के लिए अपने घर से दूर नये शहर में आते थे. ऐसे युवाओं के लिए रूम या फ्लैट के रेंट और सिक्योरिटी के अलावा रूम दिलानेवाले दलाल को पैसे देना काफी मुश्किल होता है. ग्रैबहाउस डॉट कॉम के जरिये हमने लोगों को एक ऐसा प्लेटफॉर्म दिया, जहां उन्हें किसी प्रकार की एजेंट फीस नहीं देनी थी. इतना ही नहीं हमारी वेबसाइट लोगों को रूम व फ्लैट्स के अलावा उन्हें रूममेट्स दिलाने में भी मदद करती है.
कम समय में मिली अच्छी प्रतिक्रिया
किसी अन्य एकोमोडेशन वेबसाइट से हमारी वेबसाइट के अलग होने की सबसे बड़ी वजह ब्रोकरेज फीस का न होना है. अधिकतर वेबसाइट ब्रोकरेज शुल्क लेती हैं और उनके ग्राहक इस बात को लेकर भी चिंतित रहते हैं कि उन्हें उनके बजट में उनकी पसंद का कमरा या फ्लैट मिलेगा या नहीं. मेरा खुद का अनुभव भी इस मामले में काफी बुरा था. इसीलिए हमने हमारी वेबसाइट से लोगों को उनके बजट में ब्रोकरेज फीस के बिना उनकी पसंद का फ्लैट या कमरा ढूंढ़ कर देने की पहल की. हमारी सेवा से लोगों को परेशानी और बेवजह के खर्च से छुटकारा मिला शायद इसी के चलते हमें कम समय में ही काफी अच्छा रिस्पांस मिला.
लोगों ने दी थी चेतावनी
पंखुड़ी बताती हैं, बहुत-से लोगों ने हमें इस क्षेत्र में प्रवेश न करने की सलाह दी, लेकिन हमें लगा कि हममें कुछ हटकर काम करने का जज्बा है. आज ग्रैबहाउस डॉट कॉम न केवल भारत का पहला मुफ्त रूममेट सर्च इंजन है, बल्कि इसने अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार पुणो तक कर लिया है.
तकनीक बनी ताकत
हमारी वेबसाइट मोबाइल रिस्पांसिव वेबसाइट थी, ताकि हम लोगों से जल्द से जल्द जुड़ सकें. यह तकनीक ग्रैबहाउस डॉट कॉम के लिए काफी फायदेमंद साबित हुई. हमारे मोबाइल एप्प के जरिये लोग हमें अपने घर की क्वायरी भेज दिया करते हैं. इतना ही नहीं, इस एप्प में घर और उसके कमरों की तस्वीरें भी अपलोड कर दी जाती हैं, ताकि लोगों को अपनी पसंद का रूम व घर देखने में सुविधा हो. हमने एक और मोबाइल एप्प को लांच करने के बारे में भी सोचा है, जिसके माध्यम से लोग हमसे रूममेट्स के विषय में बात कर सकें.
तैयारी है विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ने की
हालिया दौर में लोग सोशल मीडिया से जुड़ चुके हैं और विभिन्न प्रकार के उपकरणों का प्रयोग लोगों की दिनचर्या में शामिल हो चुका है. यह बदलाव हमारे बिजनेस के लिए बेहद फायदेमंद है, क्योंकि अब लोगों से जुड़ना और उनके सवालों के जवाब देना और भी आसान हो चुका है. इसी के चलते हम अपने इस काम को विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं. उम्मीद है कि हमारा आगे का सफर भी बेहद रोचक होगा.