प्राचीन स्थलों पर आइएस के हमले को बान की मून ने कहा ”युद्ध अपराध’

बगदाद : इराकी सरकार इस्लामिक स्टेट द्वारा उत्तर इराक के पुरातत्व स्थल खोर्साबाद पर हुए हालिया हमले को लेकर रिपोर्टों की जांच कर रही है.इराक के पर्यटन मंत्री आदिल शिरशाब ने बताया कि उन्हें चिंता है कि चरमपंथी मोसुल के उत्तर पूर्व में 15 किलोमीटर में फैले पुरातत्व स्थल को नुकसान पहुंचाएंगे. एक कुर्द अधिकारी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 9, 2015 11:58 AM
बगदाद : इराकी सरकार इस्लामिक स्टेट द्वारा उत्तर इराक के पुरातत्व स्थल खोर्साबाद पर हुए हालिया हमले को लेकर रिपोर्टों की जांच कर रही है.इराक के पर्यटन मंत्री आदिल शिरशाब ने बताया कि उन्हें चिंता है कि चरमपंथी मोसुल के उत्तर पूर्व में 15 किलोमीटर में फैले पुरातत्व स्थल को नुकसान पहुंचाएंगे. एक कुर्द अधिकारी सईद मामुजिनी ने बताया कि चरमपंथियों ने खोर्साबाद के प्राचीन स्थलों को कल ही गिराना शुरू कर दिया था.
शुक्रवार को समूह ने तीन हजार साल पुराने निमरद और शनिवार को दो हजार साल पुराने हात्र को ढहा दिया था. यह दोनों ही स्थान यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल घोषित किए गए हैं. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने धरोहर स्थलों को नुकसान पहुंचाए जाने को ‘युद्ध अपराध’ की संज्ञा दी. कल रात उनके प्रवक्ता के एक बयान में कहा गया है कि इराक में आइएस द्वारा सांस्कृतिक विरासत को लगातार नुकसान पहुंचाए जाने से बान व्यथित हैं.
खोर्साबाद को सर्जुन द्वितीय ने 721 ईसा पूर्व सत्ता में आने के कुछ समय बाद ही असीरिया की नयी राजधानी बनाया था. 705 ईसा पूर्व में उनकी मौत के बाद इसका परित्याग कर दिया गया था.इस नगर में 24 मीटर मोटी एक दीवार है जिसकी नींव पत्थर की है और इस दीवार में सात दरवाजे हैं.

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