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झारखंड में जानलेवा बीमारी का खतरा बढ़ा, स्वाइन फ्लू से रांची में एक जमशेदपुर में दो लोग मरे

जमशेदपुर/ रांची : झारखंड में जानलेवा बीमारी स्वाइन फ्लू का खतरा बढ़ गया है. इस बीमारी से जमशेदपुर में दो लोगों की मौत हो गयी. रांची में भी एक महिला की जान गयी. जमशेदपुर में टीएमएच में इलाजरत मानगो ओल्ड पुरुलिया रोड निवासी नि:शक्त जयलाल जायसवाल (29) व ब्रह्नानंद अस्पताल में भरती सुंदरनगर स्थित डुंडरागोड़ा […]

जमशेदपुर/ रांची : झारखंड में जानलेवा बीमारी स्वाइन फ्लू का खतरा बढ़ गया है. इस बीमारी से जमशेदपुर में दो लोगों की मौत हो गयी. रांची में भी एक महिला की जान गयी. जमशेदपुर में टीएमएच में इलाजरत मानगो ओल्ड पुरुलिया रोड निवासी नि:शक्त जयलाल जायसवाल (29) व ब्रह्नानंद अस्पताल में भरती सुंदरनगर स्थित डुंडरागोड़ा निवासी सुधा जोशी (50) की मंगलवार को मौत हो गयी. रांची में ऑर्किड अस्पताल में भरती इटकी रोड निवासी शिल्पी अखौरी (36) की भी मौत हो गयी. स्वाइन फ्लू से एक दिन में तीन मौत से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है.
बाहर से लौटे थे सभी : जानकारी के अनुसार, जमशेदपुर की सुधा जोशी किडनी रोग से ग्रसित थी. उनका इलाज वेल्लोर स्थित अस्पताल में हुआ था. वहां से कुछ दिन पहले लौटी थीं. यहां सर्दी-खांसी की शिकायत होने पर उन्हें ब्रrानंद अस्पताल में भरती कराया गया था. जमशेदपुर के ही जयलाल जायसवाल इलाज कराने कोयंबटूर गये थे. वहां से तीन मार्च को जमशेदपुर लौटे थे. यहां उन्हें सर्दी-खांसी की शिकायत हुई. छह मार्च को उन्हें टीएमएच में भरती कराया गया था. पिछले दिनों जमशेदपुर से सात संदिग्ध मरीजों के बलगम का नमूना जांच के लिए कोलकाता भेजा गया था.
जयपुर से लौटी थी शिल्पी : रांची की शिल्पी हाल ही में जयपुर से लौटी थी. उसे कफ और सांस लेने में समस्या के बाद ऑर्किड अस्पताल में भरती कराया गया था. मुंबई के निजी लैब में सैंपल की जांच करायी गयी थी. दो मार्च को महिला में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी. शिल्पी के शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. उसे वेंटीलेटर पर रखा गया था. मंगलवार को शिल्पी का ब्लड प्रेशर काफी नीचे आ गया था. कई दवाएं दी गयी, पर कोई सुधार नहीं हुआ.
जांच के लिए झारखंड में नहीं है स्तरीय लैब
स्वाइन फ्लू सबसे तेजी से फैलनेवाला वायरस होता है. जांच के लिए बॉयो सेफ्टी लेबल (बीएसएल ) थ्री स्तर का लैब होना चाहिए. राज्य के मेडिकल कॉलेज, अस्पतालों व प्राइवेट जांच घरों में इस स्तर का लैब नहीं है. रिम्स के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग में स्थित जांच घर बीएसएल टू का लैब है. जानकारों के अनुसार बीएसएल थ्री लैब ज्यादा सुरक्षित होता है. इसमें मशीनें अत्याधुनिक होती हैं. जांच करने का स्तर भी उच्च होता है. संक्रमण से बचने के लिए सारी सुविधाएं होती हैं. इसमें चिकित्सक एवं कर्मचारी पूरी तरह सुरक्षित रहते हैं.
कोलकाता जाता है ब्लड सैंपल
स्वाइन फ्लू की जांच के लिए राज्य में कोई व्यवस्था नहीं है. अगर कोई संदिग्ध मरीज मिलता है, तो उसकी नाक एवं गले का स्वॉब जांच के लिए संग्रहित किया जाता है. इसके बाद स्वॉब को कोल्ड चैन में जांच के लिए बीएसएल थ्री लेबल के लैब एनआइसीइटी कोलकाता भेजा जाता है. वहां से रिपोर्ट आने में 24 से 48 घंटा का समय लगता है.
साबुन से हाथ अवश्य धोयें
सार्वजनिक स्थल जैसे रेल, बस, टेंपो, मॉल, लिफ्ट, सार्वजनिक शौचालय आदि का इस्तेमाल करनेवाले तत्काल अपना हाथ साबुन से साफ कर लें. इससे बीमारी फैलने का खतरा कम होता है. जमशेदपुर जिला प्रशासन ने आम लोगों से यह अपील की है.
फ्लू का टीका है उपलब्ध
बाजार में फ्लू का टीका उपलब्ध है. टीके की कीमत 750 रुपये है, जो फ्लू एवं स्वाइन फ्लू से 80 प्रतिशत बचाव करता है. टीका लेने के बाद व्यक्ति एक साल तक सुरक्षित रह सकता है.
स्वाइन फ्लू के लक्षण
मरीज को 100 के ऊपर बुखार रहता है
नाक बहने लगती है
गले में खरास रहता है
शरीर में तेज दर्द
कभी-कभी जी मिचलाना व उलटी
थकावट महसूस होती है

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