नेशनल एसेंबली में मोदी ने कहा, पेट्रोलियम भंडार बनाने में मॉरीशस की मदद करेगा भारत

पोर्टलुई :मॉरीशस नेशनल एसेंबली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का दिन भारत के स्वतंत्रता संग्राम के लिए अहम है. आज के दिन ही महात्मा गांधी ने दांडी मार्च की शुरूआत की थी. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के संसद में महिला स्पीकर हैं. पिछले 9 महीने में भारत सबके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 12, 2015 7:36 AM

पोर्टलुई :मॉरीशस नेशनल एसेंबली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का दिन भारत के स्वतंत्रता संग्राम के लिए अहम है. आज के दिन ही महात्मा गांधी ने दांडी मार्च की शुरूआत की थी. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के संसद में महिला स्पीकर हैं. पिछले 9 महीने में भारत सबके विकास की ओर बढा है. मॉरीशस के पीएम भी इसी तरह के विकास की ओर अग्रसर हैं. हम दोनों देश मिलकर विश्‍व के विकास की ओर देख रहे हैं.

भारत की अर्थव्यवस्था में युवाओं और किसानों का महत्वपूर्ण योगदान है. मॉरीशस की नागरिक सुवि धा के लिए मोदी ने 500 मिलीयन डॉलर की मदद का एलान किया.उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम भंडार बनाने में मॉरीशस की भारत मदद करेगा. भारत नौ सैनिक क्षमता बढाने में मॉरीशस की मदद करेगा जिससे हिंद महासागर की सुरक्षा बढेगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिनों की मॉरीशस यात्रा के दौरान आज पोर्ट लुई में विश्‍व हिंदी सचिवालय भवन का शिलान्‍यास करने पहुंचे. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉरीशस द्वारा हिंदी भाषा को दिए योगदान की चर्चा की. उन्‍होंने बताया कि हिंदी को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने के लिए 1975 में नागपुर में मॉरीशस के तत्कालीन पीएम सर शिवसागर रामगुलाम ने विश्व हिंदी सचिवालय बनाने का प्रस्ताव रखा था.

नरेंद्र मोदी ने कहा कि मॉरीशस अकेला ऐसा देश है जहां का अपना हिंदी साहित्‍य है और इस देश ने हिंदी साहित्‍य की खूब सेवा की है. उन्‍होंने मॉरीशस के लेखकों की तारीफ करते हुए कहा कि हिंदी साहित्‍य में यहां के लेखकों के पसीने की महक आती है. विश्‍वभरी में फैले भारतीयों द्वारा लिखे गए पुस्‍तकों में से सबसे ज्‍यादा मॉरीशस में ही हैं.

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान भारत ने महत्वपूर्ण अवसंरचना परियोजनाओं के लिए मॉरीशस को 50 करोड डॉलर का रियायती ऋण देने की पेशकश की. वहीं दोनों देश दोहरा कराधान समझौते की समीक्षा पर सहमत हुए हैं ताकि उसका ‘‘दुरुपयोग’’ रोका जा सके.

आज इसके पहले उन्होंने गंगा तलाब की पूजा की. प्रधानमंत्री ने आज राजधानी पोर्ट लुई के मशहूर गंगा तालाब पर पूजा के साथ मॉरीशस दौरे के दूसरा दिन की शुरूआत की. मॉरीशस के गंगा तालाब के लिए पीएम नरेंद्र मोदी खासतौर से गंगोत्री का जल ले गये थे, जिसे उन्होंने पूजा के दौरान गंगा तालाब में डाला.

वहीं दूसरी ओर भारत और मारीशस दोहरे कराधान से बचाव की संधि :डीटीएटी: में लंबे समय से लंबित संशोधन के संबंध में वार्ता को आगे बढाने पर सहमत हो गए हैं और उन्होंने कहा है कि इसका उद्देश्य इस समझौते के दुरूपयोग को रोकना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मारीशस के प्रधामनंत्री सर अनिरद्ध जगन्नाथ ने पिछली रात हुई वार्ता के दौरान यह प्रतिबद्धता जाहिर की. भारत ने मारीशस को मुख्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 50 करोड डालर की रिण सुविधा की पेशकश की है.

गैरकानूनी धन और कर चोरी करने के लिए मारीशस का दुरूपयोग किए जाने से जुडी भारत की आशंका के बीच द्विपक्षीय कर संधि में संशोधन संबंधी वार्ता लंबे समय से अटकी हुई थी. मोदी और जगन्नाथ के बीच पहले दिन की वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच पांच अन्य समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए गए जिनमें सामुद्रिक अर्थव्यवस्था विकसित करना शामिल है. मोदी तीन देशों की यात्रा के दूसरे चरण में मारीशस की दो दिन की यात्र पर आए हैं जिसके बाद वह कल श्रीलंका जाएंगे. मोदी ने अन्य द्विपक्षीय आर्थिक मामलों पर कहा कि दोनों देशों को व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते पर चर्चा पुन: शुरू करनी चाहिए. जगन्नाथ ने अपने जवाब में कहा कि बाजार पहुंच बढाने के लिए अगस्त 2006 में हुए तरजीही व्यापार समझौते की समीक्षा होनी चाहिए और दोनों देश इस दिशा में आगे बढने पर सहमत हैं. मोदी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में जगन्नाथ ने कहा कि उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री के सामने मारीशस-भारत दोहरे कराधान से बचाव की संधि से जुडे मुद्दे उठाए.

उन्होंने कहा ‘‘हम इस बात की प्रशंसा करते हैं कि भारत ने 2017 तक गार का कार्यान्वयन टाल दिया है. मैंने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया है कि वह डीटीएए को अपना पूर्ण समर्थन दें क्योंकि यह हमारे वैश्विक व्यापार क्षेत्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.’’मोदी ने अपने जवाब में कहा कि दोनों पक्ष समझौते के दुरुपयोग से बचने के लिए साझा उद्देश्य के आधार पर संशोधित संधि हेतु वार्ता जारी रखने पर सहमत हो गए हैं. मोदी ने कहा ‘‘पिछले कुछ सालों में हमने डीटीएए में संशोधन पर चर्चा की है. यह समझौते के दुरपयोग से बचाव के हमारे साझा उद्देश्य पर आधारित है और इस व्यवस्था से मारीशस को फायदा उठाने में मदद मिलेगी. हमने इस वार्ता को जारी रखने पर सहमति जताई है.’’ उन्होंने कहा ‘‘हालांकि मैंने प्रधानमंत्री को आश्वस्त किया है कि हम ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे जिससे विश्व में हमारे सबसे मजबूत रणनीति भागीदारों में से एक के इस महत्वपूर्ण क्षेत्र को कोई नुकसान हो.’’

मोदी ने यह भी कहा कि मारीशस को कराधान के संबंध में सूचनाओं के आदान-प्रदान के संबंध पर भारतीय सहयोग की भी पेशकश की गई है. उन्होंने कहा ‘‘मैं कराधान पर सूचनाओं के आदान-प्रदान पर मारीशस द्वारा किए गए समर्थन और सहायता की पेशकश का सम्मान करता हूं.’’ डीटीएए को इस चिंता के बीच संशेधित किया जा रहा है कि मारीशस का दुरपयोग भारत में अवैध धन को फिर से वापस लाने :राउंड ट्रिपिंग: के लिए किया जा रहा है. हालांकि मारीशस ने हमेशा से कहा है कि ऐसे दुरपयोग के कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिले हैं.

भारत और मारीशस ने दोनों पक्षों को स्वीकार्य समधान की तलाश के लिए एक संयुक्त कार्य समूह का गठन किया है. मारीशस भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के शीर्ष स्नेतों में शामिल है. पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत में मारीशस से 4.8 अरब डालर आए. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से सितंबर की अवधि के दौरान मारीशस से भारत में 4.9 अरब डालर का निवेश आया. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हाल ही में कहा था कि मारीशस अब भी संधि में संशोधन के कुछ प्रस्तावों पर सहमत नहीं है.

उन्होंने राज्यसभा में कहा था ‘‘भारत ने राउंड ट्रिपिंग और अन्य पहलुओं को खत्म करने के लिए डीटीएए में संशोधन के लिए कुछ प्रस्ताव किए थे। ऐसे संशोधनों पर मारीशस का सहमत होना अभी बाकी है.’’ जेटली ने कहा कि इस मामले पर संयुक्त कार्य समूह की अब तक 10 बैठकें हुई हैं और आखिरी बैठक नवंबर 2013 में हुई थी. यहां अपने संवाददाता सम्मेलन में मोदी ने कहा ‘‘मैं मानता हूं कि हमारा सुरक्षा सहयोग रणनीतिक भागीदारी का प्रमुख स्तंभ है. सामुद्रिक अर्थव्यवस्था में सहयेाग पर हमारा समझौता, हमारी वैज्ञानिक एवं आर्थिक भागीदारी को बढाने में महत्वपूर्ण कदम है.’’

भारत और मारीशस के बीच जिन पांच समझौतों पर हस्ताक्षर हुए उनमें सामुद्रिक अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में दोनांे देशों के बीच हुई सहमति भी शामिल है जो सहयोग के लिए विस्तृत ढांचा मुहैया कराएगा और यह हिंद महासागर क्षेत्र में सतत विकास के महत्वपूर्ण क्षेत्र है. अन्य समझौतों में मारीशस के ऐगालेगा द्वीप पर सामुद्रिक और वायु परिवहन सुविधा, पारंपरिक औषधि विज्ञान और होमियोपैथी के क्षेत्र में सहयोग, 2015-18 के बीच सांस्कृतिक सहयोग पर कार्यक्रम और भारत से ताजे आम के आयात से जुडे समझौते शामिल हैं.

भारत ने मारीशस में दूसरा साइबर शहर स्थापित करने की पेशकश की। उल्लेखनीय है कि भारत ने दशक भर पहले मारीशस को पहला साइबर शहर स्थापित करने में मदद की थी. इससे पहले मोदी ने मारीशस के राष्ट्रपति राजकेश्वर प्रयाग से मुलाकात की थी. भारत ने आगमन पर वीजा की नई प्रणाली के संबंध में मारीशस के नागरिकों के लिए वीजा शुल्क तकनीकी तौर पर खत्म करने पर भी सहमति जताई.

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