राजीव गांधी पर हमला करने वाले श्रीलंकाई सैनिक ने दी नरेंद्र मोदी नसीहत

नयी दिल्ली : आज का दिन श्रीलंका और भारत के लिए काफी अहम है क्योंकि आज से 28 साल पहले भारत के तात्कालिन प्रधानमंत्री का एक श्रीलंकाई सैनिक के द्वारा अपमान करने के बाद दोनों देशों में खटास की शुरूआत हुई थी जो आज लगभग खत्म होता दिख रहा है. 1987 के बाद यह पहला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 13, 2015 11:53 AM

नयी दिल्ली : आज का दिन श्रीलंका और भारत के लिए काफी अहम है क्योंकि आज से 28 साल पहले भारत के तात्कालिन प्रधानमंत्री का एक श्रीलंकाई सैनिक के द्वारा अपमान करने के बाद दोनों देशों में खटास की शुरूआत हुई थी जो आज लगभग खत्म होता दिख रहा है.

1987 के बाद यह पहला द्विपक्षीय दौरा है, उस समय प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने श्रीलंका का दौरा किया था. पिछले कुछ सालों में द्विपक्षीय संबंध तनावपूर्ण रहे हैं और उनकी यात्रा, आगामी दौरों का मकसद रिश्तों को नए सिरे से संवारना और उनमें नई जान फूंकना है. भारत और श्रीलंका के बीच बढती दूरी का पडोसी चीन ने फायदा उठा रहा है. 2009 से ही श्रीलंका में इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में भारी-भरकम पैसा लगा रहा है.

विजेमुनी नामक सैनिक ने कोलंबो में राजीव गांधी पर तब हमला किया था जब उन्‍हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया जा रहा था. इसके बाद उसे सेना से बाहर कर दिया गया था. आज भी वह भारत के खिलाफ दिख रहा है. एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में विजेमुनी ने कहा कि मैं मोदी को पसंद करता हूं क्योंकि वह अच्छे आदमी हैं और इस बात से भी खुश हूं कि वे हमारे देश आए हैं लेकिन उन्हें हमारे घरेलू मामलों में दखल नहीं देना चाहिए. विजेमुनी ने ये भी कहा कि मोदी को हमारी क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए.

विजेमुनी ने कहा कि अगर वह राजीव गांधी की तरह ही दखलंदाजी भरा रवैया अपनाएंगे तो तमिल समस्या फिर उभर जाएगी. श्रीलंका में तमिलों और सेना के संघर्ष में कई हजार श्रीलंकाई सैनिक मारे गए थे. वहीं, शांति सैनिकों के रूप में श्रीलंका गए करीब 1500 भारतीय सैनिकों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी थी. विजेमुनी ने कहा कि मोदी को हमारी सरकार से ऐसे संबंध रखना चाहिए जिससे शांति कायम हो.

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