इस्लामाबाद (लाहौर) : लाहौर के दो गिरिजाघरों में कल तालिबान के आत्मघाती हमलों के विरोध में पूरे देश में आज ईसाई समुदाय के सैकडों लोग सडकों पर प्रदर्शन करने उतर आए. इस प्रदर्शन ने बाद में हिंसक मोड ले लिया जिसमें दो लोगों की मौत हो गयी और सुरक्षा बलों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अर्द्धसैनिक बलों को बुलाना पडा. हाल के वक्त में अल्पसंख्यक समुदाय पर हुए सबसे भीषण हमले में दो तालिबान आत्मघाती हमलावरों ने लाहौर के युहानाबाद इलाके में स्थित रोमन कैथोलिक चर्च और क्राइस्ट चर्च का रविवार की प्रार्थना के दौरान विस्फोट से उडा दिया.
हमलों में 16 लोग मारे गए जबकि 80 लोग घायल हो गए. युहानाबाद में आज कानून-व्यवस्था कायम करने के लिए अधिकारियों को पाकिस्तान रेंजर्स को बुलाना पडा. ईसाई समुदाय के सैकडों लोग फिरोजपुर रोड पर जमा हो गए और उसे घंटों तक अवरुद्ध रखा. हिंसक प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और पुलिस पर पथराव किया. पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने लाहौर, फैसलाबाद, सरगोदा और गुर्जरावाला में सडकें अवरुद्ध कर दीं.
इसी बीच लाहौर में तेज गति से वाहन चला रही एक महिला ने पांच लोगों को कुचल दिया जिनमें से दो की मौत हो गयी. घटना का लेकर भी वहां हिंसा भडक गयी. पुलिस ने हालांकि भीड को वहां से भगाने का प्रयास किया लेकिन वे असफल रहे. झडप में करीब एक दर्जन लोग घायल हुए हैं. एक अधिकारी ने बताया, चूंकि युहानाबाद में पुलिस स्थिति नियंत्रित करने में असफल रही है इसलिए रेंजर्स को बुलाया गया है. स्थिति सामान्य होने तक रेंजर्स युहानाबाद और आसपास के क्षेत्रों में तैनात रहेंगे.
ईसाइयों के नेता और संघीय जहाजरानी मंत्री कामरान माइकल ने कहा कि आज पीडितों के लिए प्रार्थना सेवा और अंत्येष्टि होने की वजह से सभी ईसाई स्कूल बंद रहेंगे. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेता ने ईसाइयों से शांति बनाए रखने को कहा क्योंकि कल गुस्सायी भीड ने हमलावरों से जुडे होने के संदेह में दो लोगों को मार डाला और उनके शव जला दिए. पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ ने आतंकवादी समझ कर भीड द्वारा पीट-पीट कर मार दिए गए दो लोगों की हत्या के मामले की जांच हेतु संयुक्त जांच टीम गठित की है.
लाहौर पुलिस ने आज विस्फोट के दो मामले दर्ज किए जबकि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी दोनों संदिग्धों को भीड द्वारा मारे जाने को लेकर मामला दर्ज करने के लिए सलाह मशविरा कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने हमलों की निंदा करते हुए उन्हें कायरतापूर्ण कार्रवाई बताया. तहरीक-ए-तालिबान से अलग हुए समूह जमात-उल-अहरार ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली है.