सरकारी योजनाओं में ही बिजी हैं मुखिया बल्लू पाहन
रांची जिले के ओरमांझी प्रखंड की चकला पंचायत के मुखिया बल्लू पाहन के लिए मुखिया बनना बहुत जरूरी नहीं था, उनका व्यक्तित्व ही कुछ ऐसा है कि उनके गांव-पंचायत ही नहीं आसपास के गांव के लोग भी उन्हें मुखिया ही मानते हैं. वे झारखंड प्रदेश सरना पहरा समाज, मुत्रा पतरा के संरक्षक भी हैं और […]
रांची जिले के ओरमांझी प्रखंड की चकला पंचायत के मुखिया बल्लू पाहन के लिए मुखिया बनना बहुत जरूरी नहीं था, उनका व्यक्तित्व ही कुछ ऐसा है कि उनके गांव-पंचायत ही नहीं आसपास के गांव के लोग भी उन्हें मुखिया ही मानते हैं. वे झारखंड प्रदेश सरना पहरा समाज, मुत्रा पतरा के संरक्षक भी हैं और प्रखंड के मुखिया संघ के अध्यक्ष भी.
मुखिया बनने से पहले भी वे अपने गांव का चक्कर लगा कर लोगों का हाल चाल लेते रहते थे, मुखिया बनने के बाद बदलाव सिर्फ इतना आया है कि अब उनकी जेब में मुहर और पैड भी रहने लगा है. दिन के दस बजे से शाम पांच बजते तक लगभग नियमित तौर पर वे अपने पंचायत सचिवालय में बैठते हैं और अपने पंचायत के लोगों की समस्याओं का समाधान करने की कोशिश करते हैं. मगर लोग महसूस करते हैं कि उनके चेहरे पर पहले वाली खुशी नजर नहीं आती. न ही अपने गांव-समाज का प्रधान होने का गर्व. इस मसले पर मुखिया ने कई बातें हमारे संवाददाता पुष्यमित्र के साथ साझा की.