वाशिंगटन : अमेरिकी नौसेना के एक शीर्ष कमांडर ने आगाह किया है कि अगले वर्ष के अंत तक अफगानिस्तान से अमेरिकी सैन्य बलों की पूरी तरह से वापसी के बाद लश्कर-ए-तैयबा समेत पाकिस्तान में आधारित आतंकवादी समूह अपनी गतिविधियां भारत में केंद्रित करेंगे. अमेरिका की प्रशांत कमान के कमांडर एडमिरल सैम्यूल जे. लॉकलियर ने कांग्रेस की सुनवाई के दौरान सांसदों से कहा, ‘लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तान में आधारित अन्य संगठन अफगानिस्तान में अपनी गतिविधियां जारी रखे हुए हैं लेकिन गठबंधन बलों की वापसी होने के बाद उनके आगामी एक से तीन वर्षों में अपनी गतिविधियां भारतीय उपमहाद्वीप में केंद्रित करने की आशंका है.’
लॉकलियर ने कहा, ह्यह्य दक्षिण एशिया में अलकायदा का ध्यान और भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा की नयी शाखा की घोषणा से लगता है कि अलकायदा स्थापित आतंकवादी संगठनों को संगठित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा ताकि दक्षिण एशिया में जिहाद छेडा जा सके.’
उन्होंने कहा कि सीरिया और इराक में जारी संघर्ष भारत-एशिया प्रशांत के देशों से विदेशी लडाकों को आकर्षित कर रहा है. मौजूदा आकलन के अनुसार इस्लामिक स्टेट के साथ मिलकर लड रहे लगभग 1,300 विदेशी भारत-एशिया-प्रशांत क्षेत्र से हैं. लॉकलियर ने कहा, ‘युद्ध के अनुभव के साथ घर लौटकर ये लडाके विश्व के सर्वाधिक घनी आबादी वाले इलाकों में क्षेत्रीय चरमपंथी नेटवर्कों की क्षमता बढा सकते हैं.’
अमेरिका ने हाल में कहा था कि वह अफगानिस्तान में सैन्य बलों के समायोजन के बारे में शीघ्र ही घोषणा करेगा. दरअसल अफगानिस्तान के नये राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अमेरिका से बार-बार अनुरोध किया है कि उसे 2016 के अंत में अफगानिस्तान से सैन्य बलों की पूर्ण वापसी के अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए.