युद्ध अपराधों की अंतरराष्ट्रीय जांच ले लिए श्रीलंकाई तमिलों का विरोध-प्रदर्शन

कोलंबो : श्रीलंका के उत्तर एवं पूर्वी प्रांतों में आज बडी संख्या में तमिलों ने प्रदर्शन कर लिट्टे के साथ युद्ध के अंतिम दौर में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन की एक अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की. मैत्रीपाला सिरीसेना सरकार की प्रस्तावित घरेलू जांच को खारिज करते हुए और मानवाधिकार उल्लंघनों की एक अंतरराष्ट्रीय जांच की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 23, 2015 4:55 PM
कोलंबो : श्रीलंका के उत्तर एवं पूर्वी प्रांतों में आज बडी संख्या में तमिलों ने प्रदर्शन कर लिट्टे के साथ युद्ध के अंतिम दौर में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन की एक अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की.
मैत्रीपाला सिरीसेना सरकार की प्रस्तावित घरेलू जांच को खारिज करते हुए और मानवाधिकार उल्लंघनों की एक अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग करते हुए तमिल नेशनल पीपुल्स फ्रंट के कार्यकर्ताओं समेत तमिलों ने दोनों प्रांतों के आठ जिलों में विरोध प्रदर्शन किया.
प्रदर्शनकारियों ने तख्तियां और बैनर पकडकर नारेबाजी की जिनपर तमिल और अंग्रेजी में लिखा था स्थानीय जांच नहीं. वर्ष 2009 में लिट्टे के साथ तीन दशकों के युद्ध के आखिरी दौर में सरकारी बलों द्वारा कथित मानवाधिकार उल्लंघनों को लेकर 2012, 2013 और 2014 में श्रीलंका के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में तीन प्रस्ताव लाए जा चुके हैं.
नयी सरकार की अंतरराष्ट्रीय जांच की बजाए घरेलू जांच की बात तमिलों को रास नहीं आ रही. तमिलों ने पूर्व के अनुभवों को देखते हुए घरेलू जांच में भरोसा ना होने की बात कही है. पूर्व में इस तरह की जांच बहुत धीमी रही थी और उनसे कुछ अर्थपूर्ण भी नहीं निकला था.

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