20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जिंदगी में सिर्फ अच्छे फल ही थैले में भरें

दक्षा वैदकर एक राजा था. एक दिन उसने अपने तीन मंत्रियों को दरबार में बुलाया और तीनों को आदेश दिया कि वे तीनों एक-एक थैला ले कर बगीचे में जाएं और वहां से अच्छे-अच्छे फल जमा करें. वे तीनों अलग-अलग बगीचे में प्रविष्ट हो गये. पहले मंत्री ने कोशिश की कि राजा के लिए उसकी […]

दक्षा वैदकर

एक राजा था. एक दिन उसने अपने तीन मंत्रियों को दरबार में बुलाया और तीनों को आदेश दिया कि वे तीनों एक-एक थैला ले कर बगीचे में जाएं और वहां से अच्छे-अच्छे फल जमा करें. वे तीनों अलग-अलग बगीचे में प्रविष्ट हो गये. पहले मंत्री ने कोशिश की कि राजा के लिए उसकी पसंद के अच्छे-अच्छे और मजेदार फल जमा किये जाएं. उसने काफी मेहनत के बाद बढ़िया और ताजा फलों से थैला भर लिया.

दूसरे मंत्री ने सोचा कि राजा हर फल का परीक्षण तो करेगा नहीं, इसलिए ज्यादा मेहनत की जरूरत नहीं. उसने जल्दी-जल्दी थैला भरने के चक्कर में ताजे फलों के साथ कच्चे, गले, सड़े हुए फल भी थैले में भर लिए. तीसरे मंत्री ने सोचा कि राजा की नजर तो सिर्फ भरे हुए थैले की तरफ होगी. वह नीचे खोल कर देखेगा भी नहीं कि इसमें भीतर क्या है. उसने समय बचाने के लिए जल्दी-जल्दी इसमें घास और पत्ते भर लिए और वक्त बचाया.

दूसरे दिन राजा ने तीनों मंत्रियों को उनके थैलों समेत दरबार में बुलाया और उनके थैले खोल कर भी नहीं देखे और आदेश दिया कि तीनों को उनके थैलों समेत दूर स्थान के एक जेल में तीन महीने कैद कर दिया जाये.

अब जेल में उनके पास खाने-पीने को कुछ भी नहीं था, सिवाय उन थैलों के. तो जिस मंत्री ने अच्छे-अच्छे फल जमा किये, वह तो मजे से खाता रहा और तीन महीने गुजर भी गये. फिर दूसरा मंत्री, जिसने ताजे, कच्चे, गले, सड़े फल जमा किये थे, वह कुछ दिन तो ताजे फल खाता रहा फिर उसे खराब फल खाने पड़े, जिस कारण वह बीमार हो गया और बहुत तकलीफ उठानी पड़ी. और तीसरा मंत्री, जिसने थैले में सिर्फ घास और पत्ते जमा किये थे. वह कुछ ही दिनों में भूख से मर गया.

दोस्तों, अब आप अपने आप से पूछिये कि आप क्या जमा कर रहे हो? आप इस समय जीवन के बाग में हैं, जहां चाहें तो अच्छे कर्म जमा करें, चाहें तो बुरे कर्म. मगर याद रहे, जो आप जमा करेंगे, वही आपको आखिरी समय काम आयेगा, क्योंकि दुनिया का राजा आपको चारों ओर से देख रहा है.

बात पते की..

कभी यह सोच कर काम न करें कि इसमें मेरा क्या फायदा होगा. दूसरों के लिए भी उतनी ही लगन व ईमानदारी से काम करें, जितनी खुद के लिए.

आप काम को टालेंगे, उसमें बेईमानी करेंगे, झूठ बोलेंगे, तो इसका फल आगे जा कर आपको ही भोगना होगा. यही प्रकृति का नियम है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें