इस के नीचे बैठने वाला उम्मीदवार जीत जाता है चुनाव
गडग : कर्नाटक में पांच मई को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए उल्टी गिनती शुरु होने के साथ ही शिराहट्टी और रोन निर्वाचन क्षेत्रों के उम्मीदवारों ने इमली के उस प्रसिद्ध पेड़ के लिए कतार लगानी शुरु कर दी है जिसके बारे में मान्यता है कि इसके नीचे बैठने वाला उम्मीदवार विजयी होता है. […]
गडग : कर्नाटक में पांच मई को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए उल्टी गिनती शुरु होने के साथ ही शिराहट्टी और रोन निर्वाचन क्षेत्रों के उम्मीदवारों ने इमली के उस प्रसिद्ध पेड़ के लिए कतार लगानी शुरु कर दी है जिसके बारे में मान्यता है कि इसके नीचे बैठने वाला उम्मीदवार विजयी होता है.
गडग जिले में मुन्डार्गी तालुक के हेमारेड्डी के निकट स्थित एक इमली के पेड़ के बारे में मान्यता है कि इसके नीचे बैठकर ग्रामीणों को संबोधित करने वाले उम्मीदवार को हार का मुंह नहीं देखना पड़ता। इस मान्यता के कारण ग्राम पंचायत से लेकर विधानसभा तक प्रत्येक चुनाव में उतरने वाला हर एक उम्मीदवार इस पेड़ के पास जरुर आता है.
‘‘एमएलए काट्टे’’ के नाम से प्रसिद्ध इस पेड़ के चारों ओर पत्थर का आसन बना हुआ है. यह मान्यता उस समय से शुरु हुई जब कालकेरी गांव के एस एस पाटिल ने जनता दल की टिकट से 1994 में विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.
पाटिल चुनाव प्रचार के दौरान इस पेड़ के नीचे बैठ कर ग्रामीणों की समस्याएं सुना करते थे. वह इसी मंच से सार्वजनिक सभाओं को भी संबोधित किया करते थे. पाटिल ने न केवल चुनाव जीता बल्कि अगले तीन चुनावों तक अपनी सफलता दोहराई.
इसके बाद पेड़ के नीचे बैठकर ग्रामीणों को संबोधित करने वाले वाई एन गौड़ा, वीरपक्ष गौड़ा, रवींद्र उप्पिनबेतागिरि और अन्य नेताओं ने स्थानीय निकाय चुनावों में जीत दर्ज की. तभी से उम्मीदवार ग्रामीणों को संबोधित करने के लिए इस पेड़ के मंच का इस्तेमाल करते हैं.
शिराहट्टी से कांग्रेस उम्मीदवार रामकृष्ण डोड्डामणि ने कहा, ‘ मैं टीएमसी चुनावों से पहले पेड़ के पास आया था और मैंने जीत दर्ज की थी. अब विधानसभा चुनावों के मद्देनजर मैं यहां इस उम्मीद में अकसर आता हूं कि पेड़ मुङो आशीर्वाद देगा और मैं जीत हासिल करुंगा.’’