बीजिंग : चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने आज कहा कि चीन अपने सभी पडोसियों के साथ मैत्री और सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर करने को तैयार है ताकि द्विपक्षीय संबंधों के विकास के साथ-साथ क्षेत्र में खुशहाली और स्थिरता को मजबूत समर्थन प्रदान किया जा सके. शी ने चीन प्रायोजित बोआओ फोरम फॉर एशिया के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मैत्री संधि पर आठ पडोसी देशों के साथ हस्ताक्षर किये गये हैं और बीजिंग आसियान देशों के साथ चर्चा कर रहा है.
इस सम्मेलन का आयोजन देश के दक्षिणी द्वीप में किया गया. उन्होंने कहा, ‘चीन अपने सभी पडोसियों के साथ इस तरह की संधि पर हस्ताक्षर करने और द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ क्षेत्र में खुशहाली और स्थिरता के लिए मजबूत समर्थन प्रदान करने को तैयार है.’ शी ने एक पुरानी चीनी कहावत का उल्लेख किया ‘नजदीकी पडोसी दूर के रिश्तेदारों से बेहतर हैं.’ उन्होंने कहा कि चीन पडोसियों के साथ सहयोग के लिए समझौता विकसित करने पर सक्रियता से काम कर रहा है.
नेपाल के राष्ट्रपति राम बरन यादव और श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना समेत तकरीबन 15 विश्व नेताओं ने बैठक में हिस्सा लिया. माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स, टाटा समूह के चेयरमैन एमेरिटस रतन टाटा के साथ विदेश से 1800 अधिकारियों और व्यापारिक नेताओं ने बैठक में हिस्सा लिया. पडोसियों के साथ करीबी संबंध पर जोर देने के अलावा शी ने यह भी कहा कि एक दृष्टि और चीन प्रस्तावित अरबों डॉलर के कार्रवाई पत्र ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल को प्रासंगिक पक्षों के ठोस प्रयासों से विकसित किया गया है.
बेल्ट एंड रोड पहल प्राचीन सिल्क मार्ग को पुनर्जीवित करने और 21 वीं सदी के मैरीटाइम सिल्क रोड (एमएसआर) से संबंधित है. एमएसआर चीन को विभिन्न मार्गों के जरिए यूरोप और अफ्रीका से जोडेगा. भारत को बांग्लादेश, चीन, भारत, म्यांमार (बीसीआईएम) के साथ-साथ एमएसआर परियोजनाओं में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया गया है. जहां भारत बीसीआईएम पर चर्चा में हिस्सा ले रहा है,
वहीं हिंद महासागर में चीन के वर्चस्व को लेकर आपत्तियों के कारण उसे एमएसआर पर अपने रूख की घोषणा करनी बाकी है. शी ने कहा कि एशियाई आधारभूत संरचना विकास बैंक की स्थापना में ठोस प्रगति हुई है, जिसमें भारत और 30 अन्य देश शामिल हुए हैं. आवेदन दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 मार्च से पहले और देशों के इसमें शामिल होने की उम्मीद है.