संयुक्त राष्ट्र : भारत ने धर्म और नस्ल के आधार पर चरमपंथी समूहों द्वारा की जाने वाली हिंसा की निंदा की है तथा मानवता पर हमले करने वालों को सामूहिक रुप से तनिक भी बर्दाश्त नहीं करने पर जोर दिया. संयुक्त राष्ट्र में उप स्थायी प्रतिनिधि भगवंत बिश्नोई ने कहा कि धार्मिक, सांस्कृतिक, नस्ली और भाषायी विविधता मानव सभ्यता के सामाजिक ताना बाना में एक अनिवार्य तत्व है.
इस विविधता के आधार पर अत्याचार हमारी साझा मानवता पर हमला है. उन्होंने प्रतिबंधित संगठनों, कट्टरपंथी और चरमपंथी समूहों की मध्य पूर्व में गतिविधियों पर गहरी चिंता जताई. उन्होंने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय मध्य पूर्व और अन्य जगहों पर आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद के अत्याचार का गवाह है.’’