ये रिश्ता क्या कहलाता है

।।मुंबईसेउर्मिलाकोरी।। – लोकप्रिय धारावाहिक में लीड रोल निभानेवाले कलाकार दिखाते हैं अकड़ – कई बॉडीगार्ड और स्टाफ साथ रखते हैं टीवी के सितारे – पैकअप के बाद कई लोग एक–दूसरे को देखना पसंद नहीं करते परदे पर नजर आनेवाली आदर्श बहुओं का ऑफस्क्रीन बिहैवियर बहुत अच्छा नहीं होता. ये लोकप्रिय कलाकार वास्तविक जीवन में बेहद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 24, 2013 3:55 AM

।।मुंबईसेउर्मिलाकोरी।।

– लोकप्रिय धारावाहिक में लीड रोल निभानेवाले कलाकार दिखाते हैं अकड़

– कई बॉडीगार्ड और स्टाफ साथ रखते हैं टीवी के सितारे

– पैकअप के बाद कई लोग एकदूसरे को देखना पसंद नहीं करते

परदे पर नजर आनेवाली आदर्श बहुओं का ऑफस्क्रीन बिहैवियर बहुत अच्छा नहीं होता. ये लोकप्रिय कलाकार वास्तविक जीवन में बेहद गुस्सैल और अकड़ू होते हैं. रिश्तों का पाठ पढ़ानेवाले टीवी के किरदारों की अजीबोगरीब रिश्तों की कहानी पर आधारित है हमारा शनिवार खास.

टेलीविजन धारावाहिकों में आदर्श जोड़ी, आदर्श बहू, आदर्श बेटी, आदर्श बेटा, आदर्श पति दिखनेवाले लोग असल जिंदगी में बेहद अलग हैं. स्टार प्लस पर प्रदर्शित ये रिश्ता क्या कहलाता हैमें नैतिक और अक्षरा हमेशा मूल्यों का पाठ पढ़ाते नजर आते हैं. 1200 से अधिक एपिसोडवाले इस धारावाहिक में नैतिकअक्षरा आदर्श जोड़ी हैं.

लेकिन, परदे के पीछे दोनों एकदूसरे से बात तक करना पसंद नहीं करते. चार साल से साथ काम कर रही जोड़ी कैमरा ऑफ होते ही अजनबी बन जाते हैं. हिटलर दीदीयानी रति पांडे और सुमित वत्स साथ खड़े रहना भी पसंद नहीं करते. रति को लगता है कि पूरा शो उनके कंधों पर ही टिका है. इसलिए वह किसी की परवाह नहीं करती.

पवित्र रिश्तामें अर्चना की सास सविता यानी उषा नादकर्णी जिद्दी और घमंडी और अर्चना बेहद सौम्य हैं. पूरे परिवार का ख्याल रखती हैं. लेकिन, असल जिंदगी में अर्चना यानी अंकिता स्पॉटब्वॉय और दादा से सीधे मुंह बात नहीं करतीं. उन्हें काम हो, तो किसी को खाना भी नहीं खाने देतीं.

खा रहा हो, तो छोड़ कर आने का हुक्म दे देती हैं. इस बात की पुष्टि खुद उषा नादकर्णी करती हैं. वह कहती हैं, पिछले 40 सालों से मैं एक्टिंग कर रही हूं. अपने कैरियर में कई बड़े एक्टरों को देखा, लेकिन कभी किसी ने स्पॉट दादा को खाने से उठाया हो या हेयरड्रेसर को चाय रख कर अंदर बुलाया हो.

मैंने नहीं देखा. अरे इंसानियत भी कुछ चीज होती है. सच कहूं, तो यूनिट का एक भी शख्स उसे पसंद नहीं करता. सब खुश हैं कि उसने इस सीरियल से ब्रेक ले लिया है. सीरियल में वह सास बन चुकी थी, लेकिन अपने लुक से कोई भी समझौता करने को तैयार नहीं थी.

उसे अपने बाल खोल कर खड़े रहना है. स्क्रिप्ट राइटर को खासतौर पर बोलती है कि मुझे कोई सासू मां नहीं बोलेगा. आजी मां नहीं बोलना, ही मैं किसी को दामाद बोलूंगी. अरे आप एक्टिंग कर रही हैं.उस प्रोफेशन की कद्र कीजिए. सेट एक्टर का घर होता है और मेंबर्स उसका परिवार.

पौराणिक धारावाहिक देवों के देव महादेवके महादेव मोहित रैना ऑनस्क्रीन प्यार और रिश्तों को अटूट रखने का पाठ पढ़ाते हैं, लेकिन ऑफस्क्रीन वे सिर्फ पार्वती यानी सोनारिका भादोरिया (पुरानी पार्वती) और पूजा बोस (नयी पार्वती) समेत सभी कोएक्टरों से दूरी बनाये रखते हैं. मोहित से बात करनी है, तो पहले उनके मेकअपमैन को बताना पड़ता है. मोहित सेट पर अपने डायलॉग के न्‍नों लेकर सबसे अलग रहते हैं.

छोटे परदे के स्टार्स के बीच कभीकभी तकरार इतनी बढ़ जाती है कि धारावाहिक से निकलवा देते हैं या इसकी धमकी देते हैं. हाल ही में धारावाहिक छनछनमें नवोदित अभिनेता फरहान खान को अभिनेत्री सनाया ईरानी ने शो से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. यह तो बस उदाहरण है. ऐसे ढेरों मामले हैं. जब कोई एक्टर या एक्ट्रेस प्रोडक्शन हाउस का चहेता बन जाता है, तो वह जो चाहता है, हाउस वही करता है.

राम कपूर जैसे एक्टर तो खुद को बॉलीवुड के स्टार्स से भी बड़ा सुपरस्टार मानते हैं. राम अपनी ही ठसक में रहते हैं. किसी को तवज्जो नहीं देते. कुछ दिनों पहले एक शो लांच हुआ वेलकम’. शो में राम कपूर को बुलाने के लिए प्रोडय़ूसर को उनके घर जाना पड़ा. मिन्नतें करनी पड़ीं, तब राम आये.

लांचिंग में शामिल होने के बाद पत्रकारों से बात किये बिना चले गये. यही नहीं, पुराने जमाने की मशहूर अभिनेत्री के बेटे जो कि फिलवक्त टेलीविजन का खास नाम है, फिल्मों या धारावाहिक में हमेशा आदर्श बेटे या पति का किरदार निभाते हैं. वास्तविक जिंदगी में टेलीविजन के एक्टरों से सही तरीके से बात तक नहीं करते.

टेलीवुड की लोकप्रिय जोड़ी अमर उपाध्याय, जिन्होंने मिहिर का किरदार निभाया था और तुलसी यानी स्मृति ईरानी में भी आपस में खास बातचीत नहीं होती थी. उतरनकी टीना दत्ता का भी उनके क्रू टीम से रूखे व्यवहार की खबर बराबर आती है. यही हकीकत है. ऑनस्क्रीन गुडीगुडी और ऑफ स्क्रीन..

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