यूपी में घरेलू हिंसा का एक भी मामला नहीं!

लगातार बढ़ रहे हैं बलात्कार के मामले नयी दिल्ली : मुंबई में महिला पत्रकार के साथ बलात्कार के मामले के बीच, केंद्र सरकार ने माना है कि महिलाओं के साथ बलात्कार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. महिला और बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने लोकसभा में बताया कि वर्ष 2010, 2011 और 2012 में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 24, 2013 7:31 AM

लगातार बढ़ रहे हैं बलात्कार के मामले

नयी दिल्ली : मुंबई में महिला पत्रकार के साथ बलात्कार के मामले के बीच, केंद्र सरकार ने माना है कि महिलाओं के साथ बलात्कार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. महिला और बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने लोकसभा में बताया कि वर्ष 2010, 2011 और 2012 में महिलाओं के साथ बलात्कार के क्रमश: 22172, 24206 और 24923 मामले दर्ज किये गये. ये मामलों में वृद्धि का रुख दिखाते हैं.

नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश में पिछले तीन साल में घरेलू हिंसा का एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है, हालांकि देश भर में इस अवधि के दौरान घरेलू हिंसा के 26,476 मामले दर्ज किये गये हैं. लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में महिला एवं बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण कानून 2005 के तहत देश में 2010, 2011 और 2012 में क्रमश: 12036, 9873 और 4567 मामने दर्ज किये गये.’’

उन्होंने बताया कि इस अवधि में उत्तरप्रदेश में घरेलू हिंसा का एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया है, जबकि इन तीन वर्षो में बिहार से घरेलू हिंसा संबंधी कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है. झारखंड में इन तीन सालों में क्रमश: 298, 391, 552 मामले दर्ज किये गये. 2010 में घरेलू हिंसा के सबसे अधिक 4136 मामले तमिलनाडु में दर्ज हुए.

महाराष्ट्र में 3505, आंध्र में 2683, और पश्चिम बंगाल में 1164 मामले दर्ज किये गये. घरेलू हिंसा के साल 2011 और 2012 के आंध्र प्रदेश व महाराष्ट्र के आंकड़े उपलब्ध नहीं है, जबकि बंगाल का 2012 का आंकड़ा उपलब्ध नहीं है. 2010 में गुजरात में घरेलू हिंसा के सिर्फ 25 मामले दर्ज हुए, लेकिन 2011 में यह आंकड़ा बढ़ कर 3266 हो गया. तमिलनाडु में 2011 में महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के 3983 मामले और 2012 में 3838 मामले दर्ज हुए.

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