यमन में सउदी अरब नीत अभियान को सैन्य मदद देने के विषय पर पाक सांसदों ने की चर्चा
इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने आज कहा कि उसके करीबी सहयोगी सउदी अरब ने संघर्षरत यमन में शिया विद्रोहियों को परास्त करने के लिए सैनिक, युद्धपोत और लडाकू विमान की मदद मांगी है. उधर पाकिस्तान के विधि-निर्माताओं ने इस विषय पर चर्चा की कि देश को यमन में जारी संघर्ष में शामिल होना चाहिए या नहीं […]
इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने आज कहा कि उसके करीबी सहयोगी सउदी अरब ने संघर्षरत यमन में शिया विद्रोहियों को परास्त करने के लिए सैनिक, युद्धपोत और लडाकू विमान की मदद मांगी है.
उधर पाकिस्तान के विधि-निर्माताओं ने इस विषय पर चर्चा की कि देश को यमन में जारी संघर्ष में शामिल होना चाहिए या नहीं क्योंकि इसके जातीय तथा घरेलू प्रभाव होंगे.
रियाद के समर्थन में तेजी से कार्रवाई करने के लिए इस्लामाबाद पर बढते दबाव के बीच, संसद का विशेष संयुक्त सत्र बुलाया गया. सत्र की शुरुआत में, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिये एक प्रस्ताव पेश किया. मंत्री ने अपने बयान में कहा कि पाकिस्तान राजनीतिक एवं राजनयिक तरीकों से यमन मुददे का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है.
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का मानना है कि इस विषय पर गहन चर्चा होनी चाहिए ताकि सरकार को इस महत्वपूर्ण मुददे पर सही फैसला करने में मदद मिले. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पडोसी देशों के साथ करीबी संपर्क में हैं और उन्होंने इस संबंध में तुर्की का भी दौरा किया है और वह विचार-विमर्श के लिए अन्य क्षेत्रीय देशों का भी दौरा करेंगे.
आसिफ ने कहा, सउदी अरब ने लडाकू विमान, युद्धपोत और सैनिक मांगे हैं. सउदी अरब के साथ मजबूत और पुराने रिश्तों के बावजूद पाकिस्तान इस संघर्ष में शामिल होने के लिए अनिच्छुक है क्योंकि उसे डर है कि इससे शिया बहुल पडोसी देश ईरान नाराज हो सकता है.