22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मलेशिया ने पारित किया कडा आतंकवाद-रोधी कानून

कुआलालंपुर : इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठनों की ओर से पैदा होने वाले ‘असाधारण’ खतरों से निपटने के लिए मलेशिया की संसद ने आज एक कडा आतंकवाद-रोधी विधेयक पारित किया है. हालांकि विपक्षी इसे नागरिक अधिकारों के खिलाफ एक भारी आघात कहकर इसकी आलोचना कर रहे हैं. पंद्रह घंटे तक चली तीखी बहस के बाद […]

कुआलालंपुर : इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठनों की ओर से पैदा होने वाले ‘असाधारण’ खतरों से निपटने के लिए मलेशिया की संसद ने आज एक कडा आतंकवाद-रोधी विधेयक पारित किया है. हालांकि विपक्षी इसे नागरिक अधिकारों के खिलाफ एक भारी आघात कहकर इसकी आलोचना कर रहे हैं. पंद्रह घंटे तक चली तीखी बहस के बाद संसद ने ‘आतंकवाद रोकथाम विधेयक’ को बिना किसी संशोधन के पारित कर दिया.

यह विधेयक आतंकी गतिविधियों में लिप्त लोगों को वर्षों तक बंधक बनाकर रखने और उनकी गतिविधियों को प्रतिबंधित करने की अनुमति देगा. सत्तारुढ बैरिसन नेशनल गठबंधन के सदस्यों ने इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठनों की ओर से पैदा हो सकने वाले ‘असाधारण खतरों’ से निपटने के लिए जरुरी रोकथाम के इन उपायों का पूरी मुखरता के साथ समर्थन किया. हालांकि विपक्षी सांसदों ने तर्क दिया कि विधेयक के कुछ प्रावधान मानवाधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता के खिलाफ हैं.

यह फैसला अधिकारियों द्वारा उन 17 लोगों की गिरफ्तारी के बाद आया है, जो इस मुस्लिम बहुल देश में आतंकी हमलों की साजिश रच रहे थे. इससे पहले उप गृहमंत्री वान जुनैदी जाफर ने संवाददाताओं को बताया कि सीरिया से लौटने वाले दो लोगों समेत 17 मलेशियाई लोगों की गिरफ्तारी से पता चलता है कि यह कानून जरुरी है और यह ऐसी चीजों के घटित होने का इंतजार करने के बजाय इन्हें घटित होने से ही रोक देगा.

सत्ताधारी दल के सदस्यों ने कहा कि इस कानून में सभी के अधिकारों की सुरक्षा करने के लिए पर्याप्त प्रावधान हैं. विपक्षी सदस्य एन सुरेंद्रन ने बिना किसी मुकदमे के दो साल तक की हिरासत अवधि पर सवाल उठाए क्योंकि ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देश, जिन पर खतरा कहीं बडा है, वहां भी हिरासत की अवधि कहीं कम है. सुरेंद्रन ने तर्क दिया कि सुरक्षा अपराध (विशेष उपाय) कानून (सोसमा) में हिरासत की पर्याप्त अवधि है.

उन्होंने कहा, ‘हालांकि पोटा (पीओटीए) कहता है कि किसी भी व्यक्ति को उसके राजनीतिक झुकाव या गतिविधियों के कारण गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, यह इस बात को भी कहता है कि आतंकवाद रोकथाम बोर्ड के फैसले को प्रक्रियात्मक मामलों से इतर चुनौती नहीं दी जा सकती.’ विपक्ष के कई सांसदों ने कहा कि उन्होंने मुकदमे के बिना हिरासत में रखने और आतंकवाद-रोधी बोर्ड के प्रावधान हटाकर पोटा के अपने एक अलग संस्करण को पेश करने की योजना बनायी थी.

उन्होंने यह भी कहा कि किसी संदिग्ध को रिमांड में रखने का फैसला करने का अधिकार उच्च न्यायालय के पास होना चाहिए. विपक्षी सांसदों ने विधेयक में तीन संशोधन करवाने के लिए दबाव बनाने की कोशिश की लेकिन इन्हें खारिज कर दिया गया. गृहमंत्री अहमद जाहिद ने आश्वासन दिया कि पोटा का दुरुपयोग नहीं किया जाएगा और अलग राय रखने वालों को राजनीतिक मतभेदों के आधार पर इस कानून के तहत हिरासत में नहीं लिया जाएगा.

उन्होंने कहा, ‘यह मौजूदा सरकार की पारदर्शिता है, जहां हम राजनीतिक मतभेदों की स्वतंत्रता को भी स्वीकार करते हैं.’ इसी बीच पुलिस ने कहा कि उसके द्वारा हिरासत में लिए गए 17 आतंकी देश में इस्लामिक स्टेट जैसा शासन स्थापित करने की योजना बना रहे थे. पुलिस महानिदेशक खालिद अबू बकर ने कहा कि संदिग्ध आतंकियों ने अपना यह लक्ष्य हासिल करने की दिशा में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए जरुरी धन जुटाने के लिए अति विशिष्ट लोगों के अपहरण और बैंकों पर धावा बोलने की योजना बनायी थी.

उन्होंने कहा, ‘हमें यह भी सूचना मिली है कि वे हथियारों के अपने जखीरे को बढाने के लिए कई सैन्य शिविरों और पुलिस चौकियों पर भी हमले की योजना बना रहे थे.’ हिरासत में लिये गये लोगों की उम्र 14 से 49 वर्ष के बीच है. आईएस के साथ संपर्क के संदेह में हाल ही में हिरासत में लिये गये लोगों के साथ ही फरवरी 2012 के बाद से गिरफ्तार किये गये ऐसे लोगों की संख्या 92 हो गयी है.

स्थानीय मीडिया की खबरों ने बेनाम खुफिया स्रोतों के हवाले से कहा कि संदिग्ध आतंकियों ने शहर के कई मशहूर ठिकानों पर आतंकी हमले करने की योजना बनायी थी क्योंकि उन्हें लगता था कि मलेशिया एक धर्मनिरपेक्ष और गैर-इस्लामिक देश है. मीडिया में आई खबरों में स्रोत के हवाले से कहा गया, ‘इन 17 संदिग्धों में से अधिकतर आईएस की विचारधारा के धुर समर्थक हैं.’

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें