क्या है थर्मल पेपर

एटीएम का इस्तेमाल करने के बाद अक्सर निकाली गयी रकम और खाते की शेष रकम जानने के लिए आप उसमें से एक रसीद निकालते हैं. यह रसीद एक छोटे से पतले कागज पर पिंट्र होकर निकलती है. क्या आपने गौर किया है कि इस पर छपी स्याही कुछ माह के बाद मिट जाती है और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 27, 2013 10:19 AM

एटीएम का इस्तेमाल करने के बाद अक्सर निकाली गयी रकम और खाते की शेष रकम जानने के लिए आप उसमें से एक रसीद निकालते हैं. यह रसीद एक छोटे से पतले कागज पर पिंट्र होकर निकलती है. क्या आपने गौर किया है कि इस पर छपी स्याही कुछ माह के बाद मिट जाती है और आप उसे पढ़ नहीं पाते हैं. आजकल कई शहरों में रोडवेज बसों में टिकट समेत बड़े स्टोरों और मॉल में खरीदारी के रकम की बिल भी इसी कागज पर पिंट्र की जाती है. कई जगहों पर अब बिजली बिलों में भी इस कागज का इस्तेमाल होने लगा है.

दरअसल, एक खास किस्म के पतले कागज पर केमिकल का उपयोग करते हुए इसे बनाया जाता है. इस कागज को अक्सर थर्मल पिंट्रर में इस्तेमाल किया जाता है, जो हलके और अपेक्षाकृत सस्ते होते हैं. इस कागज की सतह पर फ्लुओरान ल्यूकोडाइ और ऑक्टेडिकेलफोस्फोनिक एसिड के संयुक्त मिश्रण के समुचित मैट्रिक्स का इस्तेमाल किया जाता है.

जब ये मैट्रिक्स ज्यादा गर्म हो जाते हैं, तब डाइ एसिड के साथ प्रतिक्रिया करता है और यह रंग के प्रारूप में परिवर्तित हो जाता है. आमतौर पर यह काले रंग का पिंट्र निकालता है, लेकिन इस पर ब्लू या लाल कलर की परत भी चढ़ायी जा सकती है. इसका विकास एनसीआर कॉरपोरेशन और 3एम ने किया था. एनसीआर टेक्नोलॉजी ने काफी समय तक इसके बाजार पर कब्जा जमा रखा था. बाद में, हेवलेट-पेकर्ड जैसी नामीगिरामी कंप्यूटर कंपनी ने डेस्कटॉप कंप्यूटर से जुड़े पिंट्ररों में इस थर्मल पेपर को इस्तेमाल करने के लायक बनाया और तब से यह बेहद लोकप्रिय हो गया.

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