बीजिंग :तिब्बत और नेपाल के बीच 540 किलोमीटर लंबा एक हाई-स्पीड रेलमार्ग बनाने के लिए चीन माउंट एवरेस्ट के नीचे सुरंग बनाने की योजना बना रहा है. वहीं खबरें आ रही है कि यह योजना वर्ष 2020 तक पूरी हो जायेगी. वहीं चीन के इस योजना से भारत के पड़ोस में अपना प्रभाव बढ़ाने से भारत की चिंता बढ़ा सकती है.
वहीं पिछले साल चीन ने ल्हासा लाइन को तिब्बत के दूसरे सबसे बड़े शहर शिगाजे से तक बढ़ा दिया था. ये लाइन नेपाल सीमा के नजदीक है लेकिन अब चीन इस परियोजना को नेपाल तक बढ़ाना चाहता है.
वहीं खबरों के अनुसार तिब्बत-नेपाल रेल लिंक कोमोलांगमा से होकर गुजरेगा और इसकी स्पीड लगभग 120 किलोमीटर प्रति घंटे तक होगी. चीन के अखबारों के मुताबिक दिसंबर 2014 को काठमांडू में चीन के विदेश मंत्री की यात्रा के दौरान इस परियोजना पर बात की गई थी. अगर इस परियोजना पर काम शुरू होता है तो दोनों देशों के बीच पर्टन और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा.
चाइना डेली के खबर के अनुसार इस परियोजना के अंतर्गत माउंट एवरेस्ट के नीचे सुरंग बनाई जा सकती है. रेल विशेषज्ञ वांग मेंगशू का कहना है कि,’ इस लाइन से ऊंचाई में आने वाले बदलाव उल्लेखनीय हैं. इस लाइन को कोमोलांग्मा से होकर गुजरना पड़ेगा जिसके लिए हो सकता है कि कर्मचारियों को बहुत लंबी सुरंग खोदनी पड़े.’