गलती की है, तो उसकी भरपाई करनी पड़ेगी

दक्षा वैदकर ‘हैलो दीदी. मैं 21 साल की हूं और किसी वजह से आपको नकली फेसबुक अकाउंट बना कर मैसेज कर रही हूं. एक घटना की वजह से मैंने अपना फेसबुक पिछले एक साल से इस्तेमाल नहीं किया. मैं पिछले कई महीनों से घर पर ही हूं. एक कदम भी बाहर नहीं निकाला. ग्रेजुएशन कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 11, 2015 5:32 AM

दक्षा वैदकर

‘हैलो दीदी. मैं 21 साल की हूं और किसी वजह से आपको नकली फेसबुक अकाउंट बना कर मैसेज कर रही हूं. एक घटना की वजह से मैंने अपना फेसबुक पिछले एक साल से इस्तेमाल नहीं किया. मैं पिछले कई महीनों से घर पर ही हूं. एक कदम भी बाहर नहीं निकाला.

ग्रेजुएशन कर रही थी कि तभी एक घटना घटी और मुङो पढ़ाई छोड़नी पड़ी. इतने दिनों से ऐसी ही सिचुएशन में रह कर बहुत थक गयी हूं. कभी बहुत रोती हूं, तो कभी चिल्लाने का मन होता है. कुछ समझ नहीं आता, कोई समझ भी नहीं सकता कि मुङो कैसा लगता होगा. मैं जानती हूं कि मुझसे बहुत बड़ी गलती हुई है, लेकिन अब मैं क्या करूं. सब लोग मुङो बुरी लड़की समझते हैं. अजीब तरह से देखते हैं. मैं क्या करूं? कैसे सब से लड़ं?..’

यह मैसेज मुङो फेसबुक पर आया है. जब से इसे पढ़ा है, तब से मदद करने के लिए कई मैसेज किये, लेकिन कोई जवाब नहीं आ रहा. उम्मीद करती हूं कि फेसबुक न सही, इस कॉलम के जरिये उस लड़की तक बात पहुंचा सकूं. उस तक ही क्यों, उन सभी लड़कियों तक यह बात पहुंचा सकूं, जो इस तरह की परिस्थिति में फंसी हुई हैं. पहली बात, यह याद रखो कि तुमने कोई बड़ी गलती नहीं की है. यह उम्र ऐसी है कि गलतियां हो जाती हैं. अच्छी बात यह है कि तुमने मान लिया है कि तुमसे गलती हुई है और अब तुम सुधरना चाहती हो.

इतना याद रखो कि कोई भी माता-पिता इस गलती को तुरंत नहीं भूल सकते. इसमें वक्त लगेगा ही. उन्हें वह वक्त दो. उनसे बात करो. उन्हें बताओ कि अब तुम नये सिरे से जिंदगी शुरू करना चाहती हो. अब तुम ऐसा कोई काम नहीं करोगी, जिससे उन्हें तकलीफ हो. उन्हें बताओ कि तुम पढ़ना चाहती हो और सिर्फ करियर पर ध्यान देना चाहती हो. यह सब एक्शन से भी साबित करो. कमरे में बैठ कर रोना-धोना बंद करो और किताबें फिर से निकाल कर पढ़ना शुरू करो. तुम्हारी लगन देख कर तुम्हारे माता-पिता तुम्हारा साथ जरूर देंगे और जब वे साथ आ जायेंगे, तो फिर धीरे-धीरे बाकी लोगों का नजरिया भी बदलेगा. दुबारा कॉलेज शुरू करो.

बात पते की..

– जिंदगी बहुत-बहुत-बहुत लंबी है. कोई भी घटना इतनी बड़ी नहीं, जिसे सुधारा या भूला न जा सके. बस संयम रखें और लक्ष्य बना कर चलें.

– माता-पिता के सालों के विश्वास को अगर आपकी एक भूल ने तोड़ा है, तो वह तुरंत नहीं मिलेगा. आपको उसके लिए बहुत मेहनत करनी होगी.

Next Article

Exit mobile version