सुकेश कुमार
चाईबासा : अगर प्रस्ताव को स्वीकृति मिली तो बहुत जल्द जिला में शादी के लिए निमंत्रण कार्ड पर दुल्हा-दुल्हन की जन्मतिथि लिखना अनिवार्य होगा. बाल विवाह को खत्म करने की दिशा में सरकारी पहल से इतर जिला बाल संरक्षण विभाग भी इस आशय का प्रस्ताव बना रहा है.
प्रस्ताव स्वीकृति के लिए राज्य बाल संरक्षण सोसाइटी को भेजा जायेगा. इसके अमल में आने के बाद शादी समारोह में काम आने वाले मैरेज गार्डेन, केटर्स, वाहन और बैंड वाले तभी बुकिंग लेंगे, जब वे दुल्हा-दुल्हन की उम्र को पुख्ता कर लेंगे.
प्रस्ताव में शादी कार्ड छापने से पूर्व उम्र संबंधी दस्तावेज का वेरिफिकेशन करना अनिवार्य होगा. यह मार्कशीट, जन्म प्रमाणप्रत्र, आंगनबाड़ी केंद्र के रिकॉर्ड से किया जायेगा. इसमें आंगनबाड़ी सेविका की भी मदद ली जायेगी. 18 साल से कम उम्र की लड़कियों और 21 से कम उम्र के लड़कों की लिस्ट बनाकर उन पर नजर रखी जायेगी. किसी परिवार में बाल विवाह की तैयारी का पता चलने पर उन्हें समझाने की पहल होगी.
आयोजक देंगे शपथ पत्र
सामूहिक विवाह कराने वाले आयोजकों से शपथ पत्र लिए जायेंगे, कि वे बाल विवाह नहीं करायेंगे. मंदिरों व सार्वजनिक स्थानों पर बाल विवाह प्रतिबंध अधिनियम व सजा का उल्लेख किया जायेगा.
वेरिफिकेशन नहीं तो होगी सजा
प्रस्ताव में कहा गया कि बाल विवाह मामले में मैरेज गार्डन, घोड़ा, गाड़ी, बैंड वालों को आरोपी बनाया जायेगा. अगर उन्होंने बुकिंग से पहले दुल्हा-दुल्हन की उम्रका वेरिफिकेशन नहीं किया. उनके लिये सजा का प्रावधान किया जायेगा.
पश्चिम सिंहभूम में बाल विवाह को रोकने के उद्देश्य से जिला प्रस्ताव बनाकर राज्य बाल संरक्षण सोसाइटी को भेज रहा है. इसमें शादी कार्ड पर जन्मतिथि को अनिवार्य करना, विवाह के आयोजन से जुड़े लोगों के माध्यम से भी दुल्हा-दुल्हन के उम्र की जांच कराने जैसे सुझाव रखे गये है. यह पहल बाल विवाह को रोकने की हर संभव प्रयास का एक स्वरूप है.
नीतू साहू, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी