आओ दोस्त, एक कप चाय पी ली जाये

।।दक्षा वैदकर।।जब कोई बात बिगड़ जाये, जब कोई हमसे रूठ जाये, जब हमारी कोई बात किसी को बुरी लग जाये, जब कोई गलत- फहमी हो जाये, तो बात बंद करने की बजाय बस बिना सोचे उस इनसान के साथ एक कप चाय जरूर पी लें. यह सफलता का मंत्र तो नहीं है, लेकिन संबंधों को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 29, 2013 2:57 AM

।।दक्षा वैदकर।।
जब कोई बात बिगड़ जाये, जब कोई हमसे रूठ जाये, जब हमारी कोई बात किसी को बुरी लग जाये, जब कोई गलत- फहमी हो जाये, तो बात बंद करने की बजाय बस बिना सोचे उस इनसान के साथ एक कप चाय जरूर पी लें. यह सफलता का मंत्र तो नहीं है, लेकिन संबंधों को ठीक करने का, उन्हें मजबूत बनाने का तरीका जरूर है. मेरा मानना है कि ऑफिस की ऐसी कोई समस्या नहीं है, जो एक कप चाय से नहीं सुलझायी जा सकती. बस इसके लिए जरूरी है, झगड़ा करनेवालों दोनों व्यक्तियों का साथ चाय पीना. यदि वे अहं के चलते चाय पीने ही नहीं जायेंगे, तो मामला शायद कभी न सुलङो.

हर ऑफिस में अलग-अलग तरह के लोग साथ काम करते हैं, कई बातों पर विचार नहीं मिलते और बहस हो जाती है. ऐसी ही एक छोटी-सी बहस एक ऑफिस के दो साथियों के बीच हो गयी. दोनों ने बात करनी बंद कर दी. ऑफिस के सभी साथियों की आदत है, हम सब लंच के बाद चाय पीने बाहर जाते हैं. उस दिन भी हमने दोनों साथियों से कहा, चलो, चाय पी कर आयें. उनमें से एक साथी तो तुरंत उठ गया, लेकिन दूसरे ने अहं के चलते कहा, अभी मुङो बहुत जरूरी काम है. सभी ने उसे मनाया, लेकिन वह अपनी जगह से नहीं हिला. हम सब चाय पीने चले गये. जो साथी हमारे साथ चाय पीने आया था, उसे इस बात का बहुत बुरा लगा कि अब वह मुझसे इतनी नफरत करने लगा कि मेरे साथ चाय भी नहीं पीना चाहता. झगड़ा बढ़ गया. दोनों साथियों का झगड़ा लगभग 15 दिनों तक चला और बड़ी मुश्किल से उनकी बातचीत धीरे-धीरे शुरू हुई. सभी साथियों ने यह तय किया कि आगे से इस तरह की बहस नहीं होनी चाहिए. लेकिन ये ऑफिस में काम करते हुए मुमकिन कहां था?

अब इस बार मेरी बहस एक साथी से हो गयी. फिर दोपहर को चाय पीने का वक्त आया. अन्य साथियों ने हम दोनों झगड़ा करनेवालों से कहा कि चलिए, चाय पीकर आते हैं. हम दोनों ही तुरंत उठ गये. चाय की चुस्कियां लेते हुए दोनों ने एक-दूसरे को देखा और हंसी छूट गयी. झगड़ा कहां फुर्र हो गया, पता ही नहीं चला. हमने चाय की दुकान पर उस मुद्दे पर दोस्ताना तरीके से बात की और गलतफहमी दूर कर ली.

बात पते कीः
-जब भी किसी से झगड़ा हो, उस इनसान से बात करना न छोड़ें. यदि आप बहस को बीच में खत्म कर देंगे, तो रिश्ते में गांठ बन जायेगी.

-झगड़े को सुलझाने का बेहतरीन तरीका यही है कि एक अच्छे माहौल में जाया जाये और चाय की चुस्की के साथ स्वस्थ बहस की जाये.

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