ढाका : पाकिस्तान के खिलाफ बांग्लादेश के 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान नरसंहार और युद्ध अपराध के दोषी जमात ए इस्लामी के शीर्ष नेता मुहम्मद कमरुज्जमां को शनिवार रात फांसी दे दी गई. वह इस कट्टरपंथी राजनीतिक दल का दूसरा ऐसा नेता है जिसे युद्ध अपराधों के मामले में फांसी दी गई है. जेल अधिकारियों ने बताया कि कमरुज्जमां को स्थानीय समयानुसार रात 10.01 बजे फांसी दी गई.
जेल के महानिरीक्षक सैयद इफ्तेखारुद्दीन ने कारागार के बाहर संवाददाताओं को बताया कि फांसी देने की पूरी प्रक्रिया रात में 10:30 बजे के करीब पूरी हुई. जमात ए इस्लामी पार्टी के तीसरे सबसे प्रभावशाली नेता कमरुज्जमां की मौत की सजा पर देर रात में अमल किया गया. कल अंतिम समय उसकी सजा स्थगित कर दी गई थी. वर्ष 1971 में युद्ध अपराध के लिए कादर मुल्ला को फांसी पर चढाए जाने के बाद कमरुज्जमां :63: सजा पाने वाले दूसरे जमात नेता हैं. प्रधान न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार सिन्हा की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय की चार सदस्यीय पीठ द्वारा छह अप्रैल को उसकी दोषसिद्धि पर पुनर्विचार की याचिका खारिज किये जाने के बाद उसने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका पेश नहीं करने का फैसला किया था.
बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने मई 2013 में वर्ष 1971 मुक्ति संग्राम के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध के लिए कमरुज्जमां को मौत की सजा सुनाई थी.