बोको हराम से लडने के लिए संयुक्त राष्ट्र की सेना की जरुरत नहीं : जोनाथन

अबुजा : नाइजीरियाई राष्ट्रपति गुडलक जोनाथन ने संयुक्त राष्ट्र से कहा है कि बोको हराम के खिलाफ लडने के लिए उनके देश को अंतरराष्ट्रीय बल की मदद की जरुरत नहीं पडेगी. इस निवर्तमान नेता ने कल एक बयान में कहा कि वह चाहते हैं कि संयुक्त राष्ट्र इसके बजाय समुदायों के पुनर्निर्माण पर और छह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 17, 2015 11:51 AM

अबुजा : नाइजीरियाई राष्ट्रपति गुडलक जोनाथन ने संयुक्त राष्ट्र से कहा है कि बोको हराम के खिलाफ लडने के लिए उनके देश को अंतरराष्ट्रीय बल की मदद की जरुरत नहीं पडेगी. इस निवर्तमान नेता ने कल एक बयान में कहा कि वह चाहते हैं कि संयुक्त राष्ट्र इसके बजाय समुदायों के पुनर्निर्माण पर और छह साल से इस्लामिक उग्रवाद से प्रभावित लोगों की मदद पर ध्यान केंद्रित करे.

बयान में कहा कि जोनाथन ने ये टिप्पणियां पश्चिमी एवं मध्य अफ्रीका के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधियों मोहम्मद इब्न चंबास और अब्दोलाऐ बैथिली से मुलाकात के बाद कीं. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने कहा है कि उत्तरी नाइजीरिया में बोको हराम की हिंसा के कारण 15 लाख लोग विस्थापित हुए हैं, जबकि 13 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं.

जोनाथन ने कहा कि चाड, नाइजर और कैमरुन के सैनिकों की मदद से नाइजीरियाई सेना ने हाल के महीनों में बोरनो, अदामावा और योबे जैसे पूर्वोत्तर राज्यों के अधिकतर शहरों और गांवों को इस्लामिक आतंकियों के कब्जे से मुक्त करवाकर अपना अधिकार उनपर एक बार फिर स्थापित कर लिया है.

बयान में उनके हवाले से कहा गया कि नाइजीरियाई सेना ‘‘ने उग्रवादियों के कब्जे वाले अंतिम गढ यानी बोरनो राज्य के सांबिसा वन में से उनका कब्जा समाप्त करने के लिए अंतिम प्रयास शुरु कर दिया है.’’ ऐसा माना जाता है कि बोको हराम ने एक साल पहले बोरनो राज्य के चिबोक से जिन 219 स्कूली छात्रओं का अपहरण किया था, उन्हें इसी वन में रखा गया था.

पश्चिमी अफ्रीकी क्षेत्रीय ब्लॉक इकोवास के पूर्व प्रमुख चंबास ने जोनाथन को बताया कि संयुक्त राष्ट्र का दल उन देशों का दौरा कर रहा है, जो बोको हराम के उग्रवाद से प्रभावित हैं. इन देशों में चाड, कैमरुन और नाइजर भी शामिल हैं. उन्होंने इस उग्रवाद को समाप्त करने के लिए नाइजीरिया और उसके पडोसियों द्वारा किए जा रहे प्रयासों को सहयोग देने के लिए संयुक्त राष्ट्र की तत्परता को दोहराया.

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