काठमांडो : नेपाल में आए भीषण भूकंप में मरने वालों की संख्या आज 3600 पार कर गई जबकि 6500 से ज्यादा लोग घायल हैं. इस बीच, बारिश और ताजा झटकों के कारण मकानों और इमारतों के मलबे के ढेर के नीचे दबे जीवित लोगों को निकालने के प्रयास भी बाधित हो रहे हैं.
आज अपराह्न 4:00 बजे की खबर के अनुसार, काठमांडू में हवाई ट्रैफिक की भीड़ की वजह से भारत के दो C-17 ग्लोबमास्टर विमानों को दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर वापस लौटना पड़ा है. इन विमानों में से एक C-130J में राहत और बचाव के लिए जरुरी सामान और पीने का पानी था जबकि दूसरे विमान IL-76 में एनडीआरएफ की टीम के सदस्य थे.
काठमांडू में हवाई ट्रैफिक की भीड़ की वजह से भारत के दो C-17 पालम वापस लौटे. इन विमानों में से एक C-130J में राहत और बचाव के लिए जरुरी सामान और पीने का पानी था जबकि दूसरे विमान IL-76 में एनडीआरएफ की टीम के सदस्य थे.
बिजली न होने की वजह से काठमांडो शहर कोई भूतिया शहर मालूम होता है. वहां भारी बारिश हो रही है. इस स्थिति के चलते हवाईअड्डे को बंद करना पडा और अफरातफरी के इस माहौल के बीच अपने घर जाने के लिए बेताब विदेशी पर्यटक यहां फंसे हैं.
नेपाली टाइम्स के संपादक कुंदा दीक्षित ने ट्वीट किया, ‘अब भी बारिश हो रही है जिससे विपदा और बढेगी. केवल इतनी राहत हो सकती है कि कुछ शरणस्थलों पर पानी के संकट से निपटने में आसानी हो सकती है.’ उन्होंने कहा कि नेपाल को तत्काल तंबू और दवाएं चाहिए होंगी. इससे पहले भूकंप के जबर्दस्त झटके आज फिर आए जिससे लोगों में दहशत फैल गई. आज आये झटकों से माउंट एवरेस्ट पर हिमस्खलन हुआ. कल माउंट एवरेस्ट पर हुए हिमस्खलन की वजह से मरने वालों की संख्या बढकर 22 हो गई. आज आये भूकंप के पहले झटके की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.7 मापी गई जबकि दूसरे झटके की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.5 रही. भूकंप के झटके आते ही लोग खुली जगहों की ओर दौडते देखे गये.
हजारों लोगों को बारिश से बचने के लिए शहर की सडकों पर लगाए गए प्लास्टिक से बने अस्थायी तंबुओं में रात गुजारनी पडी. भूकंप के मुख्य झटकों के बाद कल आए शक्तिशाली झटकों के कारण पीडित लोगों के बीच दहशत मच गई थी और माउंट एवरेस्ट पर हिमस्खलन हो गया था. इस कारण 22 लोगों की मौत हो गई थी.
शनिवार के भूकंप के मुख्य झटकों के बाद भी झटकों का सिलसिला जारी रहा और कल 6.7 तीव्रता और उसके बाद फिर 6.5 तीव्रता के झटके महसूस किए गए. इसके कारण खौफजदा लोग निकलकर खुले स्थानों पर आ गए थे.
शनिवार को आए 7.9 तीव्रता के भूकंप के कारण भारी तबाही हुई है. ताजा भूकंप के झटकों के डर के कारण लोग ठंड से भरी रात में खुले इलाके में रह रहे हैं.
अकेली काठमांडो घाटी में ही 1053 लोगों के मारे जाने की खबर है. बचे हुए लोगों की जांच जारी होने के कारण अधिकारियों को इस संख्या के बढने की आशंका है. मृतकों के अंतिम संस्कार सामूहिक रुप से किए गए और मृतकों की संख्या में दिनभर वृद्धि होती रही.
बीते 80 से भी ज्यादा वर्षों में देश के इतिहास में आए अब तक के सबसे भीषण भूकंप को देखते हुए नेपाल ने आपातस्थिति की घोषणा कर दी है और भारतीय बचाव दलों समेत अंतरराष्ट्रीय बचाव दल नेपाल पहुंच चुके हैं.
भारत ने बचाव और पुनर्वास के एक बडे प्रयास के तहत 13 सैन्य विमान तैनात किए हैं, जिनमें अस्पताल सुविधाएं, दवाएं, कंबल और 50 टन पानी एवं अन्य सामग्री है. इसके अलावा भारत ने राष्ट्रीय आपदा राहत बल के 700 से ज्यादा आपदा राहत विशेषज्ञों को तैनात किया है. एक वरिष्ठ स्तरीय अंतरमंत्रालयी दल नेपाल का दौरा करके यह आकलन करेगा कि भारत किस तरह राहत अभियानों में बेहतर सहयोग कर सकता है.
बचावकर्मी मलबे के ढेर में फंसे जीवित लोगों की खोज में जहां भारी उपकरण मौजूद नहीं हैं, वहां हाथों से खोज और बचाव का काम कर रहे हैं. ताजा झटकों, तूफानों और पर्वतीय श्रृंखलाओं पर हिमपात के कारण बचाव कार्य बाधित हो रहे हैं.
स्थानीय लोग और पर्यटक जीवित बचे लोगों को निकालने के लिए मलबे में खोज में जुटे रहे. जब लोग जीवित पाए जाते तो वहां मौजूद लोगों में हर्ष की लहर दौड जाती.
हालांकि अब तक के काम में अधिकतर शव ही बाहर निकाले गए हैं और जीवित निकलने वाले लोगों की तादाद बहुत कम है. नेपाल के कई अन्य इलाकों की तरह काठमांडो इस आपदा के कारण हुई तबाही से निपटने की एक भारी चुनौती का सामना कर रहा है. राजधानी में पूरी-पूरी सडकों और चौराहों पर मलबा पडा है. इस शहर की जनसंख्या लगभग तीस लाख है.
कल 7.9 की तीव्रता से आये भूकंप ने भारी तबाही मचाई और विपदा का वो भयानक मंजर छोड गया है जिससे पार पाने में तमाम मुश्किलें सामने आएंगी. लोगों ने फिर से झटके आने की आशंका के मद्देनजर सर्द रात खुले में बिताईं. मृतकों की संख्या दिन भर बढने के बीच यहां सामूहिक अंतिम संस्कार किया गया.
भूकंप के ताजा झटकों, गरज के साथ बारिश होने, और पर्वत श्रृंखलाओं में हो रही बर्फबारी के कारण बचाव कार्य प्रभावित हुआ है. अधिकारियों ने बताया कि भारतीय दूतावास के एक कर्मचारी की बेटी सहित पांच भारतीय भूकंप में मारे गये हैं. नेपाल के अन्य इलाकों की तरह काठमांडो आपदा से हुई तबाही की चुनौती से निपटने में मशक्कत कर रहा है. राजधानी की सडकें और चौराहे मलबे से अटे पडे हैं.