दूसरों की खूबियां हमेशा याद रखें

दक्षा वैदकर एक सीरियल है, जिसमें चित्र और मनोज नाम के किरदार हैं. चित्र ने मनोज से लव मैरिज की, लेकिन उसके बाद उनका झगड़ा होने लगा. चित्र चाहती थी कि मनोज उसे फिल्मी कपल की तरह प्यार करे व सरप्राइसेज दे. वहीं मनोज को लगता था कि वह उसकी गरीबी का मजाक उड़ाती है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 27, 2015 6:37 AM

दक्षा वैदकर

एक सीरियल है, जिसमें चित्र और मनोज नाम के किरदार हैं. चित्र ने मनोज से लव मैरिज की, लेकिन उसके बाद उनका झगड़ा होने लगा. चित्र चाहती थी कि मनोज उसे फिल्मी कपल की तरह प्यार करे व सरप्राइसेज दे. वहीं मनोज को लगता था कि वह उसकी गरीबी का मजाक उड़ाती है. बार-बार उसे अपने मायके के क्यूट कपल्स का उदाहरण देती है. दोनों में गलतफहमियां बढ़ने लगती है और चित्र रूठ कर मायके आ जाती है. बात तलाक तक पहुंच जाती है.

अब घर वाले इस समस्या का हल निकालने के लिए एक काम करते हैं. वे मनोज से कहते हैं कि तलाक के पहले आखिरी बार मिल कर देख लो कि तुम दोनों साथ में रह सकते हो या नहीं? इसके लिए तुम कुछ दिन हमारे ही घर में रहो. मनोज मान जाता है. वह परिवार के सभी लोगों, खासकर कपल्स का व्यवहार एक-दूसरे के प्रति देखता है. वह पाता है कि किस तरह वे एक-दूसरे की परवाह करते हैं, पति गजरे ला कर वाइफ को खुशनुमा पल देते हैं, किचन में मदद करने पहुंच जाते हैं. उसे अहसास होता है कि चित्र के लिए यहीं उसका प्यार थोड़ा कम पड़ गया. दूसरी तरफ चित्र को भी समझ आता है कि मनोज एक स्वाभिमानी इंसान है.

अब एक दिन परिवार के सदस्य नया गेम खेलते हैं. वे पर्ची उठाने को कहते हैं. अब उस पर्ची में जिसका नाम हो, आपको उस इंसान के बारे में तीन अच्छी बात बोलनी है. उसके बाद सामने वाला इंसान खुद की तीन कमियां बतायेगा. इस गेम के जरिये लोग मनोज व चित्र को उनकी खूबियां बताते हैं, उनका कॉन्फीडेंस बढ़ाते हैं. फिर मनोज और चित्र भी अपनी कमियां खुद बताते हैं. अपनी गलती बताते वक्त उन्हें अहसास होता है कि उन्हें किन चीजों को सुधारने की जरूरत है. वे मिलते हैं और एक-दूसरे से माफी मांगते हैं. दोबारा नये सिरे से जिंदगी शुरू करने की कसम खाते हैं. सीरियल में बताया गया यह गेम मुङो बहुत पसंद आया. जब भी हमें लगे कि मेरे पति या मेरी पत्नी में बहुत सारी कमियां हैं. हम ये गेम खुद खेलें और खूबियां लिखने की कोशिश करें. यकीन मानें, आप खूबियां लिखते चले जायेंगे.

daksha.vaidkar@prabhatkhabar.in

बात पते की..

सामनेवाले की गलतियां हम याद रखते हैं, खूबियां भूल जाते हैं. बेहतर है कि खूबियां लिख कर रखें और बीच-बीच में पढ़ते रहा करें.

हमेशा अपनी जिंदगी के खुशनुमा पल डायरी में नोट करें. जब आपका रिश्ता बुरे दौर से गुजरेगा, तो यह रिश्ता संभालने में मदद करेंगे.

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