ऐ जिंदगी गले लगा ले..

प्राग में सदमा का गीत रानी फिल्मों के हिट गीतों का इस्तेमाल इन दिनों जम कर किया जा रहा है. वंस अपन ए टाइम इन मुंबई दोबारा में ‘तैय्यब अली प्यार का दुश्मन’ गाने के इस्तेमाल के बाद अब हालिया रिलीज को तैयार ‘प्राग’ में 80 के दशक की फिल्म ‘सदमा’ का सुपरहिट गीत ‘ऐ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 6, 2013 8:43 AM

प्राग में सदमा का गीत

रानी फिल्मों के हिट गीतों का इस्तेमाल इन दिनों जम कर किया जा रहा है. वंस अपन ए टाइम इन मुंबई दोबारा में ‘तैय्यब अली प्यार का दुश्मन’ गाने के इस्तेमाल के बाद अब हालिया रिलीज को तैयार ‘प्राग’ में 80 के दशक की फिल्म ‘सदमा’ का सुपरहिट गीत ‘ऐ जिंदगी गले लगा ले’ सुनने को मिलेगा. निर्माता रोहित खेतान फिल्म में इस गाने के इस्तेमाल को जायज ठहराते हुए कहते हैं कि यह एक बेहतरीन गीत है इसलिए हमने इस गीत की मेलोडी खोने नहीं दी है. उसे अपनी फिल्म में भी ज्यों को त्यों रखा है.

रोहित बताते हैं कि इस गीत को अपनी फिल्म में जोड़ने का ख्याल उन्हें अचानक ही आया. वे कहते हैं कि दरअसल यह गीत क्रि सेंडो म्यूजिक कंपनी के पास था जो पहले बीएमजी क्रि सेंडो हुआ करता था. फिलहाल क्रि सेंडो को सोनी म्यूजिक ने खरीद लिया है, लेकिन इत्तेफाक से इस गीत के राइट्स टाइम्स म्यूजिक के पास हैं. एक दिन मैंने टाइम्स म्यूजिक से यूं ही किसी दूसरे विषय पर बात की तब उनके अधिकारियों ने मुझे इस गाने के बारे में बताया.

उन्होंने कहा कि एक बेहतरीन सिंगर है सूर्यवीर, उसने सदमा के इस गीत को रिअरेंज करते हुए मेलोडी से बिना कोई छेड़छाड़ किये अपनी आवाज़ में गाया है. पर्सनली मुझे यह गाना बहुत पसंद है सो मैंने उसे सुना और मुझे भी वाकई वह गीत बहुत अच्छा लगा. उसी दौरान मेरे दिमाग में यह बात आई कि क्यों ना हम इस गीत को अपनी फिल्म में ले लें.

यह गीत हमारी फिल्म के मूड और सिच्यूएशन के साथ पूरी तरह सटीक बैठ रहा था. इस फिल्म में चंदन का जो किरदार है. वो इनसोमनिया (स्लीप डिसऑर्डर) बीमारी से पीड़ित है. उसकी जिंदगी में काफी परेशानियां हैं और वह जिंदगी से फरियाद कर रहा है कि ऐ जिंदगी गले लगा ले, हमने भी तेरे हर एक गम को गले से लगाया है. सच कहूं तो इस गाने के बारे में सुनकर मुझे लगा भगवान ने मुझे एक खूबसूरत उपहार दिया है. पुरानी गीतों को रीमिक्स कर फिल्मों में लिए जाने को रोहित काफी अच्छा ट्रेंड मानते हैं. इससे आनेवाली नई जेनेरेशन को पुराने गीतों से रूबरू होने का मौका मिलता है.

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