दाउद इब्राहिम हमारे देश में नहीं, भारत के मंत्री ने हमारी चिंता को पुख्ता किया : पाक उच्चायुक्त अब्दुल बासीत
नयी दिल्ली : भारत में पाकिस्तान के उच्चयुक्त अब्दुल बासीत ने एक अंगरेजी न्यूज चैनल से बातचीत में कहा है कि भारत के गृह राज्यमंत्री के द्वारा संसद में दिये गये बयान से पाकिस्तान के उस दावे की पुष्टि होती है कि भारत का वांछित दाउद इब्राहिम उसके सीमा क्षेत्र में नहीं है. उल्लेखनीय है […]
नयी दिल्ली : भारत में पाकिस्तान के उच्चयुक्त अब्दुल बासीत ने एक अंगरेजी न्यूज चैनल से बातचीत में कहा है कि भारत के गृह राज्यमंत्री के द्वारा संसद में दिये गये बयान से पाकिस्तान के उस दावे की पुष्टि होती है कि भारत का वांछित दाउद इब्राहिम उसके सीमा क्षेत्र में नहीं है. उल्लेखनीय है कि मंगलवार को गृह राज्य मंत्री हरीभाई पारथीभाई चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में कहा था कि सरकार को नहीं मालूम है कि आतंकी दाउद इब्राहिम कहां है. गृह राज्य मंत्री के इस बयान से सरकार व देश की किरकिरी हुई है. मालूम हो कि भाजपा के शीर्ष नेताओं व भारत सरकार का यह दावा रहा है कि आतंकी दाउद पाकिस्तान में सुरक्षित पनाह पाये हुए है. भारतीय मीडिया भी हमेशा अपने स्नेत के हवाले से ऐसी खबरें प्रकाशित व प्रसारित करता रहा है.
पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासीत ने इस मामले में भारत द्वारा पाकिस्तान सरकार को डोजियर दिये जाने पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि भारत के गृह राज्य मंत्री के बयान ने पाकिस्तान सरकार के उस बात को सही साबित कर दिया कि अब तक भारत ने उसे कोई दस्तावेज इस संबंध में नहीं सौंपा है और न ही कोई आग्रह ही किया है. उन्होंने कहा कि अगर आपने अपनी सूचनाओं के आधार पर डोजियर तैयार किया है तो यह सचमुच हमारे लिए सोचने की बात हो सकती है. उन्होंने कहा कि दाउद हमारे देश में नहीं है. उन्होंने इस सवाल पर कि क्या हाल में भारत ने दाउद के संबंध में उनके देश से कोई औपचारिक व लिखित आग्रह किया है, कहा कि मेरी जानकारी में ऐसा नहीं है.
भारत द्वारा मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी को जमानत दिए जाने का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति के समक्ष उठाने के बाबत पूछे जाने पर बासित ने कहा कि ऐसा करना भारत का विशेषाधिकार है. उच्चायुक्त ने उन शंकाओं को खारिज कर दिया कि पाकिस्तान सरकार लखवी को सजा दिलाने को लेकर गंभीर नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत को पाकिस्तान के कानूनी तंत्र और कानूनी नतीजे का सम्मान करना चाहिए.