हिलेरी क्लिंटन को बदनाम करने का सस्ता हथकंडा है चंदा विवाद : चटवाल

वाशिंगटन : भारतीय अमेरिकी होटल व्यवसायी संत चटवाल ने क्लिंटन फाउंडेशन को विदेशी दान पर लिखी गई नयी विवादास्पद किताब को हिलेरी क्लिंटन को बदनाम करने का सस्ता प्रचार हथकंडा करार दिया है. उल्लेखनीय है कि हिलेरी क्लिंटन 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में प्रत्याशी बनने का प्रयास कर रही हैं. यह किताब क्लिंटन कैश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 7, 2015 6:48 PM
वाशिंगटन : भारतीय अमेरिकी होटल व्यवसायी संत चटवाल ने क्लिंटन फाउंडेशन को विदेशी दान पर लिखी गई नयी विवादास्पद किताब को हिलेरी क्लिंटन को बदनाम करने का सस्ता प्रचार हथकंडा करार दिया है. उल्लेखनीय है कि हिलेरी क्लिंटन 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में प्रत्याशी बनने का प्रयास कर रही हैं.
यह किताब क्लिंटन कैश पीटर शेवइजर ने लिखी है. न्यूयार्क में रहने वाले चटवाल ने इन आरोपों का मजबूती से खंडन किया है कि उन्होंने क्लिंटन फाउंडेशन को जो चंदा दिया वह हिलेरी को वर्ष 2008 में भारत अमेरिका असैन्य परमाणु सौदे के पक्ष में मतदान के लिये दिया गया. न्यूयार्क में रहने वाले चटवाल ने कहा, यह 100 प्रतिशत गलत है. इसमें सच का लेशमात्र भी नहीं है.
परमाणु सौदे में योगदान के लिए चटवाल को भारत सरकार ने 2010 में पद्म भूषण से सम्मानित किया था. चटवाल ने कहा कि उनके धन जुटाने के प्रयास तथा ऐतिहासिल परमाणु सौदे के समर्थन में उनके अभियान का हिलेरी की निर्णय प्रक्रिया से कोई लेना देना नहीं था. हिलेरी उस समय सीनेटर थीं.
उल्लेखनीय है कि हिलेरी के कार्यालय ने भी इन आरोपों का खंडन किया है. हिलेरी ने पिछले महीने घोषणा की कि वे अगले साल राष्ट्रपति पद के लिए चुनावों में उम्मीदवारी हासिल करने का प्रयास करेंगी.
शेवइजर ने अपनी किताब में आरोप लगाया है कि भारत सरकार ने असैन्य परमाणु सौदे में हिलेरी का समर्थन हासिल करने के लिए चटवाल को देश के शीर्ष नागरिक सम्मान में से एक प्रदान किया.
चटवाल ने कहा, यह सारा काल्पनिक (फिक्शन) काम है. यह किताब ही इसलिए लिखी गई क्योंकि वे राष्ट्रपति पद की दौड में हैं. कुछ लोग हैं जो नहीं चाहते कि कोई महिला अमेरिका की राष्ट्रपति बने. उनके खिलाफ इस तरह के बदनाम करने वाले अभियान की यही वजह है.
चटवाल दशकों से क्लिंटन परिवार के पारिवारिक मित्र हैं. उन्होंने अपनी बात को साबित करने के लिए अनेक सीनेटरों व प्रतिनिधि सभा सदस्यों द्वारा असैन्य परमाणु समझौते की प्रक्रिया के दौरान लिखे गए पत्र दिखाए.

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