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चीन यात्रा के दौरान शीर्ष चीनी उद्योगपतियों से मिलेंगे पीएम मोदी

बीजिंग : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह चीन की यात्रा के दौरान प्रमुख ई-कामर्स कंपनी अलीबाबा के जैक मा समेत चीन की प्रमुख कंपनियों के सीईओ से मिलेंगे. इस यात्रा के दौरान वह ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की मजबूत वकालत और निवेशकों को आकर्षित कर सकते हैं. अधिकारियों के अनुसार प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान […]

बीजिंग : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह चीन की यात्रा के दौरान प्रमुख ई-कामर्स कंपनी अलीबाबा के जैक मा समेत चीन की प्रमुख कंपनियों के सीईओ से मिलेंगे. इस यात्रा के दौरान वह ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की मजबूत वकालत और निवेशकों को आकर्षित कर सकते हैं.

अधिकारियों के अनुसार प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान भारत और चीन कौशल विकास, विनिर्माण के साथ सौर एवं पवन ऊर्जा समेत विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढा सकते हैं.
यात्रा के पहले दिन 14 मई को मोदी शिआन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बातचीत करेंगे. उसके बाद उनकी अगले दिन प्रधानमंत्री ली क्विंग के साथ बीजिंग में मुलाकात होगी. उसके बाद 16 मई को शंघाई में वह अलीबाबा, मोबाइल फोन कंपनी शिओमी समेत प्रमुख चीनी कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) से मिलेंगे. अलीबाबा भारत के उभरते ई-कामर्स क्षेत्र में निवेश कर रही है. कंपनी के प्रमुख जैक मा हाल ही में भारत आये थे और मोदी से मुलाकात की थी.
अधिकारियों के अनुसार सीईओ से मुलाकात के अलावा मोदी व्यापार और निवेश मंचों को भी संबोधित करेंगे जिसमें भारतीय और चीनी कंपनियों की प्रमुख्य हस्तियां शामिल होंगी. इस दौरान कई सहमति पत्रों पर दस्तखत की संभावना है.
गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और कर्नाटक के सिद्धरमैया मोदी के उद्योगपतियों के साथ मुलाकात कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं. यह निवेश हासिल करने के अभियान में राज्यों को शामिल करने के सरकार के कदम का हिस्सा है.
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान रेलवे के अलावा भारत सौर और पवन ऊर्जा क्षेत्र में चीनी निवेश की उम्मीद कर रहा है. रेलवे के क्षेत्र में चीन फिलहाल गति बढाने के लिये ट्रैक में सुधार तथा बेंगलूर और भुवनेश्वर में स्टेशन को आधुनिक रुप देने की पायलट परियोजनाओं का व्यवहार्यता अध्ययन कर रहा है.
चीन चेन्नई-दिल्ली लाइन पर तीव्र गति की रेल चलाने के लिये व्यवहार्यता अध्ययन कर रहा है. भारत और चीन विशेषीकृत रेल संस्थान स्थापित करने के लिये भी सहयोग कर रहे हैं. इस संस्थान का गठन चीन द्वारा स्थापित रेलवे यूनिवर्सिटी के समरुप होगा.
मोदी की यात्रा के दौरान सौर और पवन ऊर्जा के क्षेत्र में सहमति पत्र पर दस्तखत किये जाने की उम्मीद है. अधिकारियों के अनुसार कौशल विकास के मोर्चे पर भारत, चीन की विशेषज्ञता का लाभ उठाना चाहता है. चीन ने पिछले साल 1.3 करोड लोगों को प्रशिक्षण दिया.

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