ईरान के साथ संघर्ष हमारे राष्ट्रीय हित में नहीं : बराक ओबामा

वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि ईरान के साथ संघर्ष अमेरिका और खाडी देशों के राष्ट्रीय हित में नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि वह एक ऐसे ईरान का स्वागत करते हैं, जो क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाए. ओबामा ने कहा कि उन्‍होंने और खाडी सहयोग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 15, 2015 1:20 PM

वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि ईरान के साथ संघर्ष अमेरिका और खाडी देशों के राष्ट्रीय हित में नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि वह एक ऐसे ईरान का स्वागत करते हैं, जो क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाए.

ओबामा ने कहा कि उन्‍होंने और खाडी सहयोग परिषद के नेताओं ने ईरान पर चर्चा में पर्याप्त समय लगाया. इस दौरान ओबामा ने ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए एक समग्र संधि की दिशा में होने वाली बातचीत के बारे में उन्हें अवगत कराया.

ओबामा ने कल कहा, ‘ईरान के साथ संघर्ष करने में हममें से किसी के भी देश का हित नहीं है. हम एक ऐसे ईरान का स्वागत करते हैं, जो क्षेत्र में एक जिम्मेदार भूमिका निभाए, पडोसियों के साथ अपने मतभेदों को सुलझाने और विश्वास बनाने के लिए ठोस एवं व्यवहारिक कदम उठाए और अंतरराष्ट्रीय नियमों एवं शर्तों के अनुरुप चले.’

ओबामा ने प्रेजीडेंशियल रिटरीट पर कहा, ‘क्षेत्र में तनाव का अंत करने के लिए और यहां के विनाशकारी विवादों को सुलझाने के लिए एक व्यापक वार्ता की जरुरत होगी. एक ऐसी वार्ता, जिसमें ईरान और इसके खाडी सहयोग परिषद (जीसीसी) वाले पडोसी शामिल हों. इसलिए हमारे जीसीसी सहयोगियों की क्षमता को बढाने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हमारे सहयोगी विश्वास एवं मजबूती के साथ ईरान से राजनैतिक, कूटनीतिक स्तर पर निपट सकें.’

उन्होंने कहा, ‘हम इस बात पर सहमत हैं कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुडी क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय चिंताओं को पूरी तरह से उठाने वाला एक समग्र, पुष्टि योग्य हल हमारे जीसीसी सहयोगियों समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हित में है.’

ओबामा ने कहा, ‘हम ईरान के साथ परमाणु संधि कर पाएं या नहीं, तब भी हमे उस क्षेत्र से कई खतरों का सामना करना पडेगा. इनमें उसकी अस्थिरताकारी गतिविधियां और आतंकी समूहों का खतरा भी शामिल है. इसलिए हम इन खतरों से निपटने और सुरक्षा सहयोग बढाने पर मिलकर काम करने वाले हैं.’ उन्होंने कहा कि इस सुरक्षा सहयोग का उद्देश्य ईरान के साथ किसी दीर्घकालिक विवाद को स्थायी बनाए रखना या ईरान को अलग-थलग करना नहीं है.

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